रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री केदार कश्यप ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के जिला अध्यक्षों को भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आधे से ज्यादा कांग्रेस नेता जेल में हैं और टिकट वितरण के पीछे केवल राजनीतिक स्वार्थ और भ्रष्टाचार का खेल चलता है। मंत्री कश्यप का कहना था कि यह अभियान केवल नाममात्र का है और इसमें जनता की सेवा की भावना नहीं है।

इस बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रशिक्षण शिविरों में केवल नाच-गाना और दिखावा होता है, जबकि कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान में नेता वास्तविक मुद्दों और जनहित पर कार्य कर रहे हैं। बैज ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र जैसे भ्रष्ट नेताओं को भाजपा प्रशिक्षण शिविर में बुलाती है और यह पूरी प्रक्रिया सार्वजनिक नहीं होती।
मंत्री कश्यप ने छठ पर्व पर रेल और पीएम मोदी की भागीदारी को लेकर भी तंज कसा था। उन्होंने कहा कि यह केवल आस्था का विषय है और राजनीति से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इसके जवाब में बैज ने कहा कि छठ पर्व बिहार का प्रमुख त्योहार है और इसे पूरे देश में मनाया जाता रहा है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इसे प्रचार और इवेंट बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इसी के साथ बैज ने प्रदेश में शिक्षक भर्ती और युवाओं को नौकरी देने में भाजपा सरकार की नाकामी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 1 लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल 5 हजार युवाओं को नौकरी मिली है। उन्होंने तत्कालीन शिक्षा मंत्रियों के दावों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार वास्तविक आंकड़े जनता के सामने पेश करे।
बैज ने EOW और ACB की प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठाए और कहा कि अदालत में 164 मामलों में दबाव बनाना, बयान बदलवाना और किसी को फंसाना गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और न्यायालय इस मामले में पूरी तरह से गंभीर हैं।
इसके अलावा, कांग्रेस ने ड्राइवर संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी समर्थन किया। बैज ने कहा कि युवा सड़क पर शराबबंदी और अन्य जनहित के मुद्दों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और कांग्रेस इस हड़ताल के पीछे खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार को युवाओं की आवाज सुननी चाहिए और उनके मुद्दों का समाधान करना चाहिए।
संगठन सृजन अभियान, शिक्षक भर्ती, नौकरी, भ्रष्टाचार और युवा आंदोलनों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच यह सियासी तकरार अब विधानसभा और चुनावी माहौल में और तेज होने की संभावना है।