ढोलकल गणेश मंदिर: रहस्यमयी पहाड़ी पर विराजमान, 1000 साल पुरानी प्रतिमा

छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला न केवल प्राकृतिक सुंदरता बल्कि आस्था के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की ढोलकल पहाड़ी पर भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना माना जाता है और समुद्र तल से 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां विराजमान गणपति की प्रतिमा ढोलक के आकार की है, इसी वजह से इस स्थान को ढोलकल गणपति कहा जाता है।

प्रतिमा की विशेषता

इस प्रतिमा में भगवान गणेश अपने ऊपरी दाएं हाथ में फरसा, ऊपरी बाएं हाथ में टूटा हुआ दांत, निचले दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में मोदक धारण किए हुए हैं। मान्यता है कि यहीं भगवान परशुराम और गणेश जी के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें परशुराम के परशु प्रहार से गणपति का एक दांत टूट गया था। तभी से यहां आधे दंत वाले गणेश की पूजा होती है।

कैसे पहुंचें

हवाई मार्ग: रायपुर एयरपोर्ट सबसे नजदीकी बड़ा हवाई अड्डा है।

रेल मार्ग: दंतेवाड़ा और जगदलपुर रेलवे स्टेशन से यहां पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग: रायपुर से लगभग 350 किमी दूर यह स्थल सड़क मार्ग से भी जुड़ा है। अंतिम रास्ता पैदल तय करना पड़ता है।

कब जाएं

यहां जाने का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च तक माना जाता है, जब मौसम सुहावना होता है।

खास बातें

पहाड़ी की चढ़ाई कठिन है, इसलिए ट्रैकिंग अनुभव रखने वालों के लिए यह स्थान आदर्श है।

स्थानीय लोग इसे चमत्कारी स्थल मानते हैं और गणपति बप्पा के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था का अनोखा संगम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *