गरबा में ‘मुसलमानों की नो एंट्री’ विवाद में, अब धीरेंद्र शास्त्री का आया बयान, गोमूत्र रखने की अपील

छतरपुर। मध्य प्रदेश में नवरात्रि के गरबा आयोजनों में ‘मुसलमानों की नो एंट्री’ का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने छतरपुर के लवकुशनगर में गरबा संचालकों से प्रवेश द्वार पर गोमूत्र रखने की सख्त अपील की है, ताकि केवल ‘सच्चे भक्त’ ही पंडाल में प्रवेश कर सकें।

धीरेंद्र शास्त्री का विवादित बयान

लवकुशनगर में मां बम्बर बैनी माता मंदिर में दर्शन के दौरान शास्त्री ने कहा, “जब हम उनकी हज यात्रा में नहीं जाते, तो उन्हें भी हमारे माता की आराधना और गरबा में नहीं आना चाहिए। ये हमारा पवित्र त्योहार है, इसे अपवित्र न होने दें।” उन्होंने गरबा आयोजकों से मांग की कि प्रवेश गेट पर गोमूत्र का प्रबंध किया जाए, जिसे हिंदू परंपरा में पवित्र माना जाता है। इस दौरान उनके साथ राजनगर विधानसभा के भाजपा विधायक अरविंद पटैरिया भी मौजूद थे।

गरबा में तिलक-कलावा और आधार कार्ड की जांच

यह बयान भोपाल, इंदौर और दमोह जैसे जिलों में चल रहे गरबा विवादों के बीच आया है, जहां हिंदू संगठनों ने तिलक, कलावा और आधार कार्ड चेक करने की गाइडलाइंस जारी की हैं। भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने भी चिंता जताई थी कि कुछ लोग हिंदू महिलाओं को लुभाने के लिए तिलक-कलावा का इस्तेमाल कर गरबा में घुस सकते हैं। यह विवाद नवरात्रि के दौरान गरबा आयोजनों में तनाव बढ़ा रहा है।

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