Dhamtari latest news अप्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति देना डीएमएफ राशि का दुरुपयोग : रंजना साहू

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Dhamtari latest news खनिज संसाधन, ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, आवास एवं पर्यावरण विभाग के मंत्रियों को विधानसभा पटल पर सवाल दागते हुए राज्य सरकार को घेरे में लाई विधायक रंजना साहू

 

Dhamtari latest news धमतरी – विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने धमतरी जिले में स्थापित अति उच्च दाब उपकेंद्र तथा विद्युत खपत एवं प्रतिपूर्ति के संबंध में विभागीय ऊर्जा मंत्री से सवाल पूछते हुए प्रश्न किया कि धमतरी जिले में अति उच्चदाब उपकेंद्र किन-किन स्थानों पर स्थापित है? उनकी क्षमता कितनी है? क्या धमतरी जिले में विद्युत खपत विद्युत क्षमता से अधिक है? पुनः विधायक ने प्रश्न पूछा कि यदि विद्युत खपत विद्युत क्षमता से अधिक है तो विभाग के द्वारा क्षमता बढ़ाने हेतु क्या नए अति उच्चदाब केंद्र शुरू करने की कार्य योजना है?

Dhamtari latest news  यदि हां तो किन-किन स्थानों में कितनी क्षमता के उप केंद्र की स्थापना की योजना है? एवं कब तक स्थापना कर दी जावेगी? क्या जितनी क्षमता है उतनी मात्रा में उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदान की जाती है? या उपभोक्ताओं को उससे कम विद्युत प्रदान की जाती है? प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि धमतरी जिले में अति उच्चदाब के कुल 05 उपकेंद्र स्थापित हैं, इसके अलावा 01 नग अति उच्चदाब उपकेंद्र चिटौद बालोद जिले में स्थापित है, जहां से भी धमतरी जिले को विद्युत आपूर्ति की जाती है।

विभागीय ऊर्जा मंत्री ने आगे बताया कि जिले में विद्युत की खपत उपकेंद्रों के स्थापित क्षमता से कम है, प्रश्न खा का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि भविष्य में भार वृद्धि को ध्यान में रखकर धमतरी जिले के ग्राम अर्जुनी में 132/33 के.व्ही. का 01नग अति उच्चताप उपकेंद्र 2×40 एम.व्ही. ए क्षमता का स्वीकृति है, जिसके निर्माण हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

Dhamtari latest news   सामान्यतया 132/33 के. व्ही उपकेंद्र निर्माण हेतु निविदा शर्तों के अनुरूप 18 महीने का समय प्रदान किया जाता है, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के द्वारा क्षेत्र के उपभोक्ताओं की मांग के अनुरूप विद्युत प्रदाय किया जाता है, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के अति उच्चदाब उपकेंद्रों में 189.40 मेगावाट अधिकतम दर्ज मांग की तुलना में उपकेंद्रों की स्थापित क्षमता 360 एम.व्ही.ए. की है, तथा क्षेत्र में स्थापित पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता क्षेत्र की मांग से अधिक है, स्थापित उप केंद्रों की क्षमता अधिक होने के कारण उपभोक्ताओं को समुचित विद्युत प्रदान की जाती है।

विधायक रंजना साहू ने प्रदेश में बिजली उपभोक्ता तथा बिजली दर के संबंध में विभागीय ऊर्जा मंत्री से प्रश्न दागते हुए कहा कि प्रदेश में कितने प्रकार की बिजली उपभोक्ता है नाम बतावें? क्या सभी प्रकार की उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ करने की योजना का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं तो किस प्रकार के उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ योजना का लाभ दिया जा रहा है?

सभी प्रकार के उपभोक्ताओं को विगत 4 वर्षों में प्रति यूनिट विद्युत दर में कब-कब व कितनी कितनी वृद्धि एवं कमी की गई? जानकारी देवें? प्रश्न के जवाब देते हुए विभागीय मुख्यमंत्री ने बताया कि ऊर्जा विभाग अंतर्गत छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड में सप्लाई वोल्टेज के आधार पर दो श्रेणी के उपभोक्ता उच्च दाब श्रेणी एवं निम्नदाब श्रेणी है, बिजली उपभोक्ता का नाम बताते हुए मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल हाफ योजना नहीं है, बिजली बिल हाफ योजना केवल निम्नदाब घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए है एवं बिजली उपभोक्ताओं के विगत 4 वर्षों में सम्मिलित उर्जा प्रभार फिक्स चार्ज एवं दरों में वृद्धि की जानकारी दिए जिस पर विधायक ने कहा कि बिजली बिल हाफ की घोषणा करने के समय किसी प्रकार से उपभोक्ताओं का वर्गीकरण नहीं किया गया था, साथ ही विधायक ने कहा कि निरंतर बिजली बिल हाफ की जगह पर प्रति यूनिट दर में वृद्धि करने के साथ-साथ सुरक्षा निधि के नाम पर उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा है।

विधायक ने धमतरी जिले में डीएमएफ प्राप्त राशि एवं प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में मुख्यमंत्री से पूछा कि धमतरी जिले में 31 मार्च 2019 की वित्तीय वर्ष में डीएमएफ की राशि शेष थी? उक्त तिथि को कितने स्वीकृत कार्यों का भुगतान शेष था? 1 अप्रैल 2021 से 30 जनवरी 2023 तक डीएमएफ से कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्ष वार जानकारी देवें? उक्त अवधि में कितने कार्यों की कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई?

1 अप्रैल 2021 से 30 जनवरी 2023 तक डीएमएफ की शासी परिषद की बैठक कब कब हुईं? उक्त बैठक में कितने कार्यों की कितनी राशि की स्वीकृति हेतु अनुमोदन किया गया था? वर्तमान जानकारी देवें? जिस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि धमतरी जिले में 31 मार्च 2019 की वित्तीय वर्ष में डीएमएफ की राशि शेष थी, उक्त तिथि को 15 स्वीकृत कार्यों का भुगतान शेष था। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 27.39 करोड़ रुपए एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 13.55 करोड़ रुपये से प्राप्त हुई, उक्त अवधि में 284 कार्यों की 44.88 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई।

डीएमएफ राशि का हो रही दुरुपयोग पर विधायक ने कहा कि बैठक में अनुमोदन के बिना ही अप्रस्तावित कार्यों को स्वीकृति दी जा रही है एवं आय के अनुरूप अत्यधिक खर्च की जा रही हैं। जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत धमतरी जिले में स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि पर विधायक रंजना साहू ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्री पर सवाल दागते हुए कहा कि जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत धमतरी जिले में वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में दिनांक 31/1/2023 तक पानी टंकी एवं पाइप लाइन विस्तार सहित इस योजना के क्रियान्वयन में किन-किन कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई? कार्य का नाम एवं क्रियान्वयन संस्था, स्वीकृत राशि, व्यय राशि की जानकारी वर्षवार प्रदान करें?

सवाल का उत्तर देते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ने बताया कि धमतरी जिले में जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में राशि 4032 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2022 23 में राशि 10012.07 लाख रेट्रोफिटिंग, सिंगल विलेज एवं सोलर आधारित योजनाओं के क्रियान्वयन में व्यय किया गया, जिसमें पानी टंकी एवं पाइपलाइन विस्तार कार्य में व्यय शामिल है। उक्त जवाब में असंतोष जाहिर करते हुए विधायक ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में अभी तक केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना हर घर जल, घर-घर जल अभियान के तहत सभी के घर पानी की सुविधा पहुंचाना है किंतु राज्य सरकार की उदासीनता के कारण यह योजना अब तक अपूर्ण है।

विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने अतारांकित प्रश्न के माध्यम से नगर पालिक निगम धमतरी के द्वारा अवैध निर्माण का नियमितीकरण एवं भवन अनुज्ञा के संबंध में सवाल दावते हुए आवास एवं पर्यावरण मंत्री से प्रश्न पूछा कि क्या यह सही है कि नगर पालिक निगम धमतरी के द्वारा अवैध निर्माण का नियमितीकरण किया जा रहा हैं? यदि हां तो किस प्रकार के भवनों के नियमितीकरण करने का नियम है? अब तक नियमितीकरण हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? अब तक कुल कितने आवेदकों का नियमितीकरण किया गया? प्राप्त आवेदन में कितने पात्र एवं कितने अपात्र पाए गए? उक्त योजना के अंतर्गत नियमितीकरण हेतु किस दिनांक से किस दिनांक तक आवेदन करने का प्रावधान है? क्या पूर्णतः जिसने भवन अनुज्ञा के विपरीत निर्माण कार्य किया है या जिसने भवन अनुज्ञा नहीं ली है दोनों का नियमितीकरण करने का प्रावधान है?

नियमितीकरण हेतु निगम के द्वारा क्या शुल्क निर्धारित किया गया है? क्या पूर्व में शुल्क निर्धारण में परिवर्तन किया गया है? यदि हां तो कारण बतावें? उत्तर प्रश्न के जवाब में विभागीय मंत्री ने बताया कि जी हां। आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों के निम्नलिखित विषयों का नियमितीकरण करने का नियम है, 1- पार्श्व खुला स्थान, 2-तलक्षेत्र अनुपात, 3- भूमि उपयोग में परिवर्तन परंतु अनधिकृत विकास आवासीय उपयोग हेतु किया गया है, तब विकसित फर्सीक्षेत्र के आधार पर नियमितीकरण किया जाएगा। 4-पार्किंग, 5- पहुंच मार्ग की चौड़ाई।

नियमितीकरण हेतु 46 आवेदन प्राप्त हुए हैं अभी तक किए गए नियमितीकरण की संख्या निरंक है। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा पात्रता एवं अपात्रता का निर्धारण किया जाएगा। अभी प्रकरण समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ है, योजना के अंतर्गत नियमितीकरण हेतु नियम के राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 14 जुलाई 2022 से 1 वर्ष के भीतर तक आवेदन करने का प्रावधान है। निगम के द्वारा कोई शुल्क निर्धारण नहीं किया गया है। विधायक ने कहा कि अब तक सिर्फ 46 आवेदन आना सरकार की उदासीनता का परिणाम है।

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