रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक में पंचायतों के विकास कार्य लगभग एक साल से पूरी तरह रुके हुए हैं। पंचायत फंड और 15वें वित्त आयोग की राशि जारी न होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से जुड़े अधिकांश कार्य अटके पड़े हैं। इसी समस्या को लेकर शुक्रवार को कई ग्राम पंचायतों के सरपंच व ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर त्वरित समाधान की मांग की।

40 ग्राम पंचायतों को नहीं मिला फंड
जानकारी के अनुसार खरसिया ब्लॉक की करीब 40 ग्राम पंचायतें—
किरितमाल, रजघटा, भेलवाडीह, जबलपुर, मौहापाली, डोमनारा, भूपदेवपुर, दर्री, मुरा, बिंजकोट सहित—पिछले एक वर्ष से न तो अपनी मूलभूत राशि प्राप्त कर पाई हैं और न ही 15वें वित्त आयोग की किश्त जारी हुई है।
कौन-कौन से काम पूरी तरह ठप?
- भूमि समतलीकरण
- बाड़ी विकास
- मनरेगा और नरेगा के कार्य
- सड़क, मुक्तिधाम, सामुदायिक भवन निर्माण जैसे बुनियादी प्रोजेक्ट
ग्रामीणों और सरपंचों ने बताया कि इन सभी जरूरी विकास गतिविधियों पर रोक लग चुकी है, जिससे गांवों में समस्याएँ बढ़ रही हैं।
CSR राशि भी नहीं मिल रही
ग्रामीणों का कहना है कि ये सभी गांव उद्योग प्रभावित क्षेत्र में आते हैं, लेकिन फिर भी कंपनियाँ CSR मद से किसी प्रकार का सहयोग नहीं दे रही हैं।
कंपनी प्रबंधन से बात करने पर सिर्फ मौखिक आश्वासन मिलता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम शुरू नहीं होता।
कलेक्टर से तत्काल कार्रवाई की मांग
कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों और सरपंचों ने अपने ज्ञापन में मांग की—
- लंबित फंड तुरंत जारी किया जाए
- उद्योग प्रभावित गांवों में CSR मद से विकास कार्य तत्काल शुरू कराए जाएं
- यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई,
तो ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे