देव दीपावली पर वाराणसी घाटों पर छाया दिव्य सौंदर्य
वाराणसी। त्रिपुर राक्षस पर देवों की विजय के पर्व देव दीपावली के मौके पर घाट और गंगा का दृश्य अद्भुत और दिव्य दिखाई दिया। मां गंगा के अर्धचंद्राकार घाटों और मचलती लहरों पर दीपों की झिलमिलाहट ने पूरे क्षेत्र को रोशन कर दिया, जिससे घाट से गंगधार तक नैसर्गिक और धार्मिक सौंदर्य का अनुपम संगम दिखाई दिया।
धर्म और राष्ट्रीयता का संदेश देते हुए दशाश्वमेध घाट पर ‘अमर जवान ज्योति’ की अनुकृति स्थापित की गई और कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस वर्ष का देव दीपावली महोत्सव आपरेशन सिंदूर के नाम समर्पित किया गया, जिसमें देश की वीर माताओं को नमन किया गया।
मोडर्न टेक्नोलॉजी और परंपरा का संगम चेत सिंह घाट पर देखा गया, जहां 25 मिनट का थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग शो ‘काशी-कथा’ प्रस्तुत किया गया। इसमें भगवान शिव-पार्वती विवाह, भगवान विष्णु की चक्र पुष्करिणी, भगवान बुद्ध के उपदेश, कबीर-दास और तुलसीदास की भक्ति परंपरा तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय की यात्रा को जीवंत रूप में दिखाया गया।
घाटों के किनारे भव्य राजसी भवनों की सजावट ने महोत्सव की भव्यता में चार चाँद लगा दिए। विद्युत की रंगीन झालरों से सजाए गए गंगा महल घाट, रीवा कोठी, राजा चेतसिंह किला, दरभंगा महल, मान मंदिर, कंगन वाली हवेली सहित अन्य स्थल दर्शनीय रहे। साथ ही, घाटों के आसपास मंदिरों और मठों की सजावट भी आकर्षण का केंद्र रही।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य और महापौर अशोक तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर मां गंगा को नमन किया। इसके बाद सभी ने क्रूज़ पर सवार होकर घाटों पर सजी देव दीपावली का अवलोकन किया। सीएम योगी के दर्शन से जनमानस ने हर हर महादेव का उद्घोष किया।
इस वर्ष देव दीपावली की थीम रही ‘ऑपरेशन सिंदूर’, ‘जाति-पंथ अनेक, हम सनातनी एक’, जिसमें सनातन एकता, नारी सशक्तिकरण, नशा मुक्ति और राष्ट्रीय एकता के संदेश को घाटों की सजावट और रंगोलियों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। भोसले घाट, सिंधिया घाट और राम घाट पर भी आपरेशन सिंदूर की झलक दिखाई दी। राजघाट के निकट विशेष नारी सशक्तिकरण थीम पर सजावट की गई। श्रेष्ठ सजावट के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार वितरित किए जाएंगे।