रायपुर। अखराभाटां में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक पंडित ओमप्रकाश शर्मा ने कथा सुनाते हुए श्रीमद्भागवत के महत्व को बताया और प्रभु राम तथा कृष्ण के जन्म की कथा प्रस्तुत की। पं. शर्मा ने कहा कि कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा सुनने से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है, साथ ही जन्म-जन्मांतर के पापों का अंत भी होता है।
कथा वाचन करते हुए पं. शर्मा ने भगवान श्रीराम के जन्म और उनके द्वारा स्थापित मर्यादा की व्याख्या की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भगवान राम ने राजा दशरथ के घर जन्म लिया और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में अपनी भूमिका निभाई। वहीं, श्री कृष्ण के जन्म की कथा भी बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुत की। पं. शर्मा ने कहा, “जब देवकी गर्भवती हुईं, तो उन्हें अपनी संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान श्री कृष्ण का जन्म होते ही सभी बंधन टूट गए और वासुदेव जी ने श्री कृष्ण को गोकुल में नंद बाबा के घर छोड़ दिया।”
पं. ओमप्रकाश पांडे ने कृष्ण जन्मोत्सव का उल्लेख करते हुए बताया कि नंद गांव में श्री कृष्ण के जन्म पर बड़े धूमधाम से नंद उत्सव मनाया गया। उन्होंने कहा, “जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।”
कथा के समापन पर सभी भक्तों ने भागवत की आरती की और प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भागवत कथा का श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।