नवा रायपुर के धरना स्थल से निकलीं तो बैरिकेडिंग कर पुलिस ने रोका रास्ता
रायपुर। बिहान संयुक्त कैडर कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले बिहानकर्मी महिलाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ की यह हजारों महिलाएं नवा रायपुर की सड़कों पर दिखाई दीं। यह महिलाएं प्रदेश के अलग-अलग गांवों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से जुड़े काम करती हैं। मानदेय बढ़ाने की मांग लेकर सभी ने रायपुर में विरोध प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री आवास घेराव करने के इरादे से यह सभी महिलाएं नवा रायपुर के धरना स्थल से निकलीं तो कुछ ही दूरी पर बैरिकेडिंग कर पुलिस ने इनका रास्ता रोक लिया। इसके बाद काफी देर तक हंगामा होता रहा। महिलाओं ने सड़क पर ही धरना दे दिया और मुख्यमंत्री से मिलने की जिद करने लगीं।
मौके पर मौजूद जिला प्रशासन के तहसीलदार स्तर के अधिकारी महिलाओं को समझाने में नाकाम रहे। महिलाओं के एक प्रतिनिधिमंडल नवा रायपुर से कलेक्टर ऑफिस पहुंचाया गया। यहां एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग शासन तक पहुंचाने की बात महिलाओं ने की। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष चंद्रिका वैष्णव ने बताया कि अब सोमवार को हमें रायपुर कलेक्टर ने मुलाकात करने की समय दिया है। इसके बाद हम मुख्यमंत्री से मिलेंगे।
यह है समस्या
बिहान कर्मी महिलाओं को प्रदेश के गांव में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं के लिए काम करने होते हैं। जिसमें महिलाओं के समूह बनाना, उन्हें शासन की योजनाओं के कामकाज के बारे में बताना, रोजगार संबंधी सुविधाएं कैसे मिलेंगी इसकी जानकारी देना, बैंक लोन दिलवाना जैसे काम शामिल हैं। इन महिलाओं को दो अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है कलस्टर का पूरा काम संभालने वाली महिलाओं को 13200 और अलग-अलग गांव में जाकर काम करने वाली महिलाओं को 5 हजार बतौर मानदेय दिया जाता है। यह सभी महिलाएं इसे बढ़ाकर 25000 और 15000 किए जाने की मांग कर रही है। महिलाओं का दावा है कि इन्हें किसी प्रकार का भत्ता नहीं दिया जाता, कोई पीएफ नहीं, मेडिकल की भी कोई खास सुविधा नहीं है । इसलिए इनका मानदेय बढऩा चाहिए।
ये है इनकी मांगें
बिहान कमी महिलाओं की मांग है कि समस्त बिहान कर्मियों के मानदेय में वृद्धि हो। इन्हें दैनिक वेतन भोगी की श्रेणी में रखा जाए। समस्त बिहान कर्मियों को जिला जनपद स्तर पर नियुक्ति पत्र जारी किए जाए। स्थानांतरण किया जाए। विभागीय भर्ती में योग्यता अनुसार सर्वोच्च प्राथमिकता में नियुक्ति की जाए। हर माह 5 तारीख को मानदेय का भुगतान किया जाए। यात्रा, महंगाई, भत्ता, चिकित्सा बीमा जैसी सुविधाएं दी जाएं।