इंदौर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पीने के पानी से उल्टी और दस्त के प्रकोप पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को प्रभावित लोगों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने और 2 जनवरी तक स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता और जस्टिस बी.पी. शर्मा की अवकाश पीठ ने इंदौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश इनानी द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किए। याचिका में शहर के हर निवासी को स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध कराने की मांग की गई थी।
पिछले एक सप्ताह में भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी से जुड़े प्रकोप के कारण 1100 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से करीब 150 मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। शहर के 27 अस्पतालों में 149 मरीजों का इलाज चल रहा है।
मृतकों की संख्या को लेकर विरोधाभास है। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सात मौतों की पुष्टि की है, जबकि जिला मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा ने डॉक्टरों के हवाले से चार मौतों की जानकारी दी है।
कोर्ट ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सरकार से स्पष्ट रिपोर्ट मांगी है, जिसमें मौतों की संख्या, इलाज की स्थिति और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय शामिल हों।