Death of tribal girl बीजापुर पोस्टमेट्रिक कन्या छात्रावास का मामला
Death of tribal girl जगदलपुर/बीजापुर। उसूर ब्लॉक की आदिवासी छात्रा की मौत के बाद परिजन ने लगाए अधीक्षिका एवं उसूर मण्डल संयोजक के उपर गंभीर आरोप। समय रहते ध्यान दिए होते तो बच जाती आदिवासी बालिका सुसीला पुनेम की जिंदगी।
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Death of tribal girl आदिवासी छात्रा की मौत की जांच को लेकर पीडि़त परिवार बताया कि उच्च अधिकारियों एवं मंडल संयोजक के द्वारा बालिका पोस्टमार्टम कराते तो दुध का दुध पानी का पानी हो जाता लेकिन पोस्टमार्टम नहीं कराने के कारण मंडल संयोजक एवं अधिकारियों के उपर लापरवाही का मृतक छात्रा के पिता एवं भाई ने यह गंभीर आरोप लगाया कि यदि इनके द्वारा समय रहते मृतक छात्रा की सही ढंग से इलाज होता तो मृतक छात्रा सुसीला पुनेम बच जाती।
Death of tribal girl कलेक्टर से जांच कर पीडि़ता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। आज इतने दिन गुजर जाने के बाद अधीक्षिका को उस छात्रावास से हटाया गया, किंतु उस विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा मंडल संयोजक राम कृष्ण पेंदनपल्ली पर प्रशासन ने अबतक कोई भी कार्यवही नहीं की गई।
यह मंडल संयोजक भोपालटनम एवं उसूर ब्लाक के चार्ज पर हैं। मंडल संयोजक के द्वारा छात्रावास का निरीक्षण कभी करते नहीं देखा गया है। ऐसे में उच्च प्रशासनिक अधिकारी की ज्वाबदेही पर भी सवाल लगातार उठ रहे हैं।
Death of tribal girl मंडल संयोजक पर आखिर क्यों कार्यवाही नहीं कर रहे हैं जिले के अधिकारी। वहीं इस मामले पर मीडिया से परिजन ने प्रशासन के अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाया है। और दूसरी तरफ अधिकारी का बयान परिजन के बयान से अलग-अलग है। जिसमें साफ तौर पर अधिकारी अपने बयान फंसते नजर आ रहे हैं।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बीजापुर से दूरभाष पर चर्चा करने पर बताया कि मृतक छात्रा अवकाश लेकर अपने घर गई थी, बीमार पडऩे पर तत्काल उनके परिजन हास्पिटल में भर्ती किए थे जिसेे इलाज के दौरान डॉक्टर ने बताया कि इनको मलेरिया हो गया है। यदि समय रहते जिला चिकित्सालय बीजापुर में भर्ती करते तो शायद यह बच जाती।