Dantewada Sukma : दंतेवाड़ा सुकमा सीमावर्ती क्षेत्र से भुमकाल दिवस मनाने पहुंचे बड़ी संख्या में ग्रामीण
Dantewada Sukma : दंतेवाड़ा देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. अंग्रेजों के गुलामी से देश को आजादी दिलाने के लिए न जाने कितने वीर सपूतों ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी. इन वीर सपूतों में से एक छत्तीसगढ़ के बस्तर के आदिवासी जननायक वीर शहीद गुंडाधुर हैं. इन्होंने आदिवासियों के जल,
Dantewada Sukma : जंगल, जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भूमकाल आंदोलन की शुरुआत की थी. उन्होंने अपने दहशत से अंग्रेजों को कई दिनों तक जंगलों और गुफाओं में छुपने के लिए मजबूर कर दिया था. हजारों आदिवासियों के प्रेरणास्त्रोत गुंडाधुर ने बस्तर को अंग्रेजों के हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए अपना बलिदान दे दिया. इसलिए
आज भी उन्हें बस्तर में देवता की तरह पूजा जाता है. हर साल 10 फरवरी को भूमकाल दिवस के मौके पर उन्हें याद किया जाता है और श्रद्धांजलि दी जाती है.
गुण्डाधुर दिवस पर सुकमा जिले ग्रामवासियों और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे पार्टी के अजित जोगी। युवा मोर्चा सुकमा जिला अध्यक्ष देवेन्द्र तेलाम और और पद अधिकारी
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कार्यकर्ता ग्रामीणों के साथ ते श्री गणेश हेमला , कवासी नंदा , हेमला राकेश, नुप्पो भूपेश , तिलक राम सलाम , कवासी जोगा , रवा हिड़मा , गोंचे देवा ,नुप्पो बचूं , हेमला देवा , माड़वी नंदा आदि ग्राम लखापाल , केरलपेंदा, नगाराम , कोतापल्ली , गंगुलाव से लेकर गीदम तक यात्रा करके वीर गुंडाधुर जी को श्रद्धांजलि दी है