साइबराबाद पुलिस ने देश के सबसे बड़े म्यूल अकाउंट सिंडिकेट का भंडाफोड़, 400 से अधिक ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी से जुड़ा मामला

नई दिल्ली.

साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने देश के अब तक के सबसे बड़े म्यूल अकाउंट माफिया का खुलासा किया है। कार्रवाई में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो 400 से अधिक ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी मामलों से जुड़े हुए थे। जांच में अब तक लगभग 1.09 करोड़ रुपये के वित्तीय नुकसान की पुष्टि हुई है। पुलिस ने इस नेटवर्क को साइबर अपराधियों को सहायता देने वाली पैन-इंडिया स्तर की वित्तीय शोधन पाइपलाइन बताया है।

आरोपियों पर फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म चलाने वाले गिरोहों को सिम कार्ड, बैंक खाते और पहचान से जुड़ी वित्तीय संपत्तियां उपलब्ध कराने का आरोप है। अपराधियों ने फर्जी ट्रेडिंग डैशबोर्ड के जरिए निवेशकों को मनगढ़ंत मुनाफा दिखाया और धोखे से प्राप्त धन को म्यूल खातों की कई परतों के माध्यम से बाहर निकाला। जांच में वेनिगल्ला श्रीनिवास राव और चित्ता गणेश को इस सिंडिकेट का मुख्य संचालक पाया गया, जिन्होंने बड़ी संख्या में बैंक खाते और सिम कार्ड की व्यवस्था की। इनके सहयोगी नवीन रेड्डी केवाईसी और दस्तावेजों की प्रक्रिया संभालते थे।

अवैध तरीके से जुटाए गए खाते बाद में सथूरी राजेश को बेचे जाते थे, जो प्रति खाते पर लगभग दस हजार रुपये और उनके उपयोग से प्रत्येक करोड़ रुपये के लेनदेन पर एक लाख रुपये तक कमाता था। राजेश आगे इन्हें सुधीर और मोहम्मद अशरफ तक पहुंचाता था, जो कमीशन एजेंट की भूमिका में थे। अशरफ टेलीग्राम आईडी “Sybo_Pay” के माध्यम से खातों की जानकारी आगे भेजता था, जिससे इस गिरोह की देशव्यापी आपूर्ति श्रृंखला की पुष्टि होती है।

पुलिस ने कार्रवाई में 60 चेक पत्तियां, 11 सिम कार्ड और सात मोबाइल फोन जब्त किए हैं। डिजिटल साक्ष्य ने गिरफ्तार आरोपियों को देशभर में दर्ज 400 से अधिक साइबर धोखाधड़ी मामलों से जोड़ दिया है। पुलिस का अनुमान है कि यह नेटवर्क इससे कहीं अधिक व्यापक था और कई आरोपी अब भी फरार हैं।

डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी में 1.92 करोड़ की ठगी, तीन गिरफ्तार

हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के एक मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस फ्रॉड में 71 वर्षीय चागंती हनुमंथा राव को 1.92 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। गिरफ्तार आरोपियों में पांडु विनीत राज, जी. तिरुपाथैया और गौनी विश्वनाथम शामिल हैं, जबकि मुख्य आरोपी संदीप उर्फ एलेक्स अभी फरार है।

आरोपियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर पीड़ित से संपर्क किया और दावा किया कि उनके आधार नंबर का उपयोग आपराधिक गतिविधियों में हो रहा है। उन्होंने धमकाकर पीड़ित को मुंबई स्थित केनरा बैंक में नया खाता खोलने के लिए मजबूर किया। इसके बाद वीडियो कॉल पर फर्जी एटीएम कार्ड और एक जाली एफआईआर दिखाकर उन्हें भ्रमित किया गया। गिरफ्तारी की धमकी देकर दबाव बनाया गया, जिसके चलते पीड़ित ने 7 से 14 नवंबर 2025 के बीच विभिन्न खातों में कुल 1.92 करोड़ रुपये स्थानांतरित कर दिए।

पुलिस दोनों मामलों में आगे की जांच जारी रखे हुए है।

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