छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित पूवर्ती गांव — जो कभी देश-दुनिया से छह महीने तक कटा रहता था और जहां प्रवेश के लिए नक्सलियों की अनुमति जरूरी होती थी — अब बदल रहा है। यह बदलाव CRPF की पहल से संभव हुआ है।

सीआरपीएफ ने पहले गांव तक सड़क बनाई, फिर बच्चों के लिए गुरुकुल शुरू किया और अब यहां आरोग्यधाम अस्पताल की शुरुआत की है। 24 घंटे चलने वाला यह अस्पताल 16 गंभीर बीमारियों का इलाज मुफ्त में करता है। यहां डॉक्टर, आधुनिक उपकरण और लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की सुविधा है, ताकि गंभीर मरीजों को सुरक्षित रेफर किया जा सके।
बरसात में पहले सर्पदंश जैसी आपात स्थितियों में ग्रामीणों की मौत हो जाती थी, लेकिन अब समय पर इलाज से जान बच रही है। अस्पताल में ब्लड टेस्ट, लिवर-किडनी फंक्शन टेस्ट, मलेरिया-डेंगू-टाइफाइड किट टेस्ट, ईसीजी, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और डिफाइब्रिलेटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
गांव हिड़मा का है, जो माओवादियों की पीएलजीए बटालियन-1 का हेड और सीपीआई माओवादी की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का सदस्य रह चुका है। CRPF की इस पहल से अब नक्सल मोर्चे पर लड़ाई के साथ-साथ जन-जीवन सुधारने की नई इबारत भी लिखी जा रही है।