Corruption breaking ईडी के प्रेस नोट ने खोली छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की पोल

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उमेश कुमार डहरिया

Corruption breaking  नकद, ज्वेलरी और भ्रष्टाचार के सारे सबूत मिलने के बाद भी कांग्रेस द्वारा अधिकारियो की पैरवी छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय

Corruption breaking  कोरबा ! छत्तीसगढ़ में ईडी के छापों एवं ईडी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के उपरांत प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि ईडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है। हम सब ने कभी सोचा भी नहीं था कि कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों, का किसानों का आम जनता का मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जाएगा।

Corruption breaking  एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी संरक्षण भ्रष्टाचार ने अपनी सारी से सीमाएं लांघ दी है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए एक काला अध्याय हैं।

Corruption breaking  बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी, राजनेता और बिचौलिए जुड़े है और छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली कर रहे हैं। प्रतिदिन 2 से 3 करोड रुपये जबरन वसूले जा रहे है। इस प्रकार हजारों करोड़ रुपये वसूली कर गलत कृत्यों में इस्तेमाल किए जा रहे है।

Corruption breaking  ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए कहा ईडी ने करीब 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए गए हैं।

कहा कि भ्रष्टाचार करने के लिए बाकायदा नियम बदले गए, कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई-परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया था। अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी। भ्रष्टाचार किस प्रकार से, किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है इसकी भी विस्तार जानकारी ईडी ने अपने प्रेस नोट में दी है।

दिनांक 15.7.22 से बिना किसी एसओपी के 30,000 से अधिक एनओसी जारी किए गए हैं। आवक और जावक रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया था। अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है। ट्रांसपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम आदि जैसे कई विवरण खाली छोड़ दिए गए हैं।

तलाशी एवं जांच के दौरान श्री लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया। उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था ।

जिन अधिकारियों की शिकायत को आधार बनाकर मुख्यमंत्री जी ईडी पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं उनके घर 47 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए। जरा मुख्यमंत्री जी और सरकार बताएं अधिकारियों के पास इतने पैसे और सोना मिलने पर उन्हें आश्चर्य क्यों नहीं हुआ।

भाजपा प्रेस वार्ता के माध्यम से कांग्रेस सरकार से सवाल पूछना चाहती है :

1. ईडी के प्रेस नोट में विस्तार से भ्रष्टाचार की प्रक्रिया, जब्त की गई बेहिसाब राशि आभूषण, नकदी की जानकारी आने के बाद माननीय मुख्यमंत्री जी इस्तीफा कब देंगे?

2. भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में बाधा बनने के लिए क्या मुख्यमंत्री जी क्या जनता से माफी मांगेंगे?

लं 3. क्या कांग्रेस सरकार अब यह बताएगी कि अधिकारियों, राजनेताओं, व्यापारियों का यह भ्रष्टाचार रैकेट 10 जनपथ दिल्ली में कितने रुपए पहुंचा रहा है?

4. अधिकारियों के घर से नकदी आभूषण और अनेक बेहिसाब चीजें मिलने के बाद भी अब तक उन पर निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं हुई है?

5. जो लोग सरकारी पदों पर या सरकार द्वारा मनोनीत है और जिन पर जांच हुई है, उन्हे तत्काल प्रभाव से हटाया क्यों नही गया

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