corruption asphalting road : मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने लगी डामरीकरण सड़क : पांच साल की गारंटी वाला सड़क तीन महीने में खस्ताहाल, लोक निर्माण विभाग पर उठ रहे सवाल

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corruption asphalting road : पांच साल की गारंटी वाला सड़क तीन महीने में खस्ताहाल, लोक निर्माण विभाग पर उठ रहे सवाल

corruption asphalting road : भानुप्रतापपुर। घोडदा से बैजनपुरी 04 किलोमीटर की सड़क 161.36 लाख की लागत से एलसी कटारे के द्वारा बनाया गया हैं। पांच साल की गारंटी वाली सड़क की स्थिति अभी से दिखाई दे रही है। अभी से लोक निर्माण विभाग का भ्रष्टाचार उजागर होने लगा, सड़क जगह-जगह से धसने लगी है, तो वहीं डामर की परत उखाड़ने लगी है, तीन महीने में ही सड़क टूटने की कगार पर आ गई है। लोक निर्माण विभाग ने नियमों को दरकिनार करते हुए जल्दबाजी में सड़क निर्माण कराया, जिससे सड़क की हालत देखकर लग रहा है। सरकार के पैसे को पानी में बहा दिया गया है। लाखों रुपये खर्च करने के बाद सड़क को गुणवक्ताहीन बनाया गया है। सड़क के जगह-जगह से टूटने व धसने की तस्वीरें देखने को मिल रही है, सड़क के बीचों-बीच दरारें पड़ गई है।

केंद्र व राज्य सरकार द्वारा सड़कों की जाल बिछाकर हर गांव को शहर से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा द्वारा गांव गांव में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा अलग विभाग भी बनाया गया किंतु लोक निर्माण विभाग की यह महती योजना विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की निष्क्रियता व ठेकेदारों के साथ मिलीभगत की वजह से डामरीकरण सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने लगी है।

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भानुप्रतापपुर ब्लॉक में बनाई गई कई सड़कें कुछ महीनों में ही जर्जर होने लगी है। वहीं, कुछ सड़कें तो पूर्ण हुई भी नहीं थी और उखड़नी शुरू हो गई है। अब इसमें गलती विभाग के उन अधिकारियों की है जिन्हें सरकार ने बेहतर और मजबूत सड़क बनाने का जिम्मा दिया है या वे ठेकेदार, जो अपने राजनीतिक रसूख का उपयोग कर आम लोगों के चलने के लिए बनाई जाने वाली सड़क को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहे हैं।अंदरूनी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक दखल कम है, जिसका फायदा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी और सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार उठा रहे हैं।

पांच साल की गारंटी वाली 3 महीने में खस्ताहाल 

लोक निर्माण विभाग के मुताबिक डामर की परत 20 मिमी होना था, लेकिन ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है ऐसा लगता है मानों डामर की पुताई कर दी गई है, जिसका परिणाम अभी से दिखने लगा है। दूर से सड़क चमचमाती दिखाई देगी, लेकिन जैसे पास जाओगे तो विभाग के कारनामा की सच्चाई सामने आ जाएगी। लोक निर्माण विभाग की इस प्रकार की निर्माण पर सवाल उठना लाजमी है। आखिर लाखों की सड़क जो पांच साल की गारंटी के साथ बनाया जाता है, वह तीन महीने में कैसे उखाड़ जाती है। सड़क की तीन महीने की हाल देखकर नहीं लगता कि एक साल भी टिक पाएगी

लापरवाही के कारण सड़क की हुई दुर्दशा 

बता दें कि सड़क निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग पर अब सवाल उठने लगे हैं। सड़क की दुर्दशा को लेकर आस पास गांव के लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है। बैजनपुरी के किसान नेता बीरेंद्र कोरेटी ने कहा जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण सड़क की ये दुर्दशा हो गई है, जिस सड़क को पांच साल तक चलना था, वह सड़क महज तीन महीने में धसने व उखाड़ने लग गई है। सड़क में बड़े बड़े गड़े हो गए हैं जिससे आये दिन घटना दुर्घटना हो रही हैं। पूरे क्षेत्र के लोग ठेकेदार व विभाग के प्रति आक्रोश हैं। जिम्मेदार अधिकारी सरकारी पैसे को पानी में बहाने का काम कर रहे हैं।

ठेकेदार ने किया मनमर्जी से सड़क निर्माण 

ग्रामीण रामनाथ मांडवी ,देसी राम दर्रो, नरेंद्र गावडे ,चैन सिंह जैन, हुकुमचंद, राज कुमार नाग ने बताया कि ठेकेदार द्वारा गुडवत्ताहीन सड़क का निर्माण किया गया है। निर्माण के तीन महीने में ही सड़क उखाड़ना शुरू हो गया है। इसके लिए कई बार ठेकेदार को अवगत कराया गया है लेकिन ठेकेदार द्वारा मनमर्जी से काम किया गया है। जिसका नतीजा आज निर्माण के कुछ ही दिनों में सड़क उखाड़ने लग गया है।

निर्माण के दौरान विभाग के जवाबदार नहीं रहते मौजूद

 

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corruption asphalting road : सड़क निर्माण का कार्य स्टीमेट के आधार पर होना है, जिसकी देख रेख के लिए विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को निर्माण के समय उपस्थित रहने के निर्देश दिये जाते हैं। ताकि सड़क पिचिंग, गिट्टी की मोटाई, डामर के तापमान सही रहे और सड़क में गुणवत्ता अच्छी हो। लेकिन कमीशनखोरी के चलते अधिकारी पूरा काम ठेकेदारों के भरोसे ही छोड़ देते हैं। जिसके चलते बिना किसी भय के ठेकेदार गुणवत्ताहीन निर्माण करते जाते हैं। जिसका नतीजा सड़क कुछ ही दिनों में उखाड़ना शुरू हो जाता हैं।

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