Corruption : नगर पालिका परिषद सक्ती की निविदा में खुले आम भ्रष्टाचार का आरोप ..

Corruption :

Corruption 10 प्रतिशत अधिक में टेंडर देकर शासन को लगभग 1 करोड़ से अधिक की राशि का लगाया जा रहा है चुना

शिकायतकर्ता अमित अग्रवाल ने कलेक्टर, वरिष्ठ अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों से की कार्यवाही की मांग

Corruption सक्ती ! नगरपालिका सक्ती में पनप रहे भ्रष्टाचार से आम लोग तो पीड़ित हैं ही पर अब नगरपालिका के कार्यप्रणाली से ठेकेदार भी खफा होकर पालिका परिसर में पनप रहे भ्रष्टाचार से पीड़ित होकर कलेक्टर एवं सक्षम अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों से भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं ।

शिकायत के अनुसार नगर पालिका परिषद सक्ती के द्वारा निविदा क्रमांक 138303 बुधवारी बाजार से गुरूनानक काम्पलेक्स तक सड़क निर्माण कार्य जिसकी लागत 303.11 लाख रुपए हेतु टेंडर जारी किया गया था। जिसे उपरोक्त टेंडर को अधिकारियों एवं ठेकेदार द्वारा मिलीभगत कर एकमात्र निविदा खोली गई है जिसमें कि निविदाकार ने लगभग 10 प्रतिशत अधिक में निविदा प्राप्त की गई है। अन्य सभी निविदाकारों को बिना उचित कारण के अपात्र कर दिया गया है। पूर्व में भी अपने चेहेते ठेकेदार को यही निविदा दिलाने की कोशिश की गई थी परंतु शिकायत होने पर निविदा को निरस्त कर पुनः आमंत्रित किया गया था।

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया है कि इस निविदा में ठेकेदार ने अधिकारियों को लगभग 40 लाख रूपये घुस दिया गया है एवं वर्तमान में चल रहे सभी रोड निर्माण कार्य लगभग 10 से 20 प्रतिशत कम में निविदा प्राप्त किये है। उपरोक्त निविदा PWD SOR 2015 के अंतर्गत लगायी गयी है एवं इस बात की सत्यता PWD विभाग से प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार इस टेंडर घोटाले में 10 प्रतिशत अधिक में टेंडर देकर शासन को लगभग 1 करोड़ से अधिक का राजस्व की हानि हो रही है।

ऐसे में पूरे प्रकरण की जांच करते हुए दोषी अधिकारियों के ऊपर FIR दर्ज करने हेतु कानूनी कार्यवाही की जाये एवं उपरोक्त निविदा में भाग लेने वाले समस्त निविदाकारों का निविदा फार्म Open कर न्यूनतम दर वाले निविदाकार को टेंडर प्रदान किया जाये। ज्ञात हो कि पूर्व में भी तथाकथित ठेकेदार को इसी तरह गुपचुप तरीके से स्वीकृत किया गया था जो शिकायत पर निरस्त किया गया था।

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परंतु अब फिर वही प्रक्रिया अपनाकर खुले आम भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है फलस्वरूप शिकायतकर्ता अमित अग्रवाल ने लिखित शिकायत के माध्यम से जांच व कार्यवाही की मांग की है। अब देखना यह है कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि कितनी सक्रियता से जांच करवाते हुए उसे अंजाम तक पहुंचाते है।

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