रायपुर। कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत को हटाने की मांग को लेकर छिड़े विवाद पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। पत्र में लगाए गए आरोपों की जांच कराई जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।

दरअसल, पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कलेक्टर अजीत बसंत पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर हिटलर की तरह व्यवहार कर रहे हैं और प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। कंवर ने दावा किया कि कलेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार और पक्षपात की दर्जनों शिकायतें हैं। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि तीन दिन के भीतर कलेक्टर का तबादला नहीं किया गया तो वे धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।
कंवर ने अपने पत्र में कलेक्टर के खिलाफ 14 अलग-अलग मामलों का उल्लेख किया है। इसमें डीएमएफ फंड में गड़बड़ी, मनमानी और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई जैसे आरोप शामिल हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि कलेक्टर निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहे और लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं।
पूर्व गृहमंत्री ने केवल मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव और महामंत्री (संगठन) पवन साय को भी पत्र भेजा है। उनका कहना है कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे शासन-प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार पर होगी।
सीएम साय ने मीडिया से चर्चा में कहा कि सरकार किसी भी शिकायत को हल्के में नहीं लेती। ननकीराम कंवर वरिष्ठ नेता हैं और उनके पत्र पर जांच जारी है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।