रायपुर। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा तालाब परिसर स्थित मैथिली शरण गुप्त बाल उद्यान में ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कथित अवैध कारोबार का मामला एक बार फिर चर्चा में है। महापौर मीनल चौबे के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद निगम अधिकारी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।

महापौर के निर्देश छह महीने पुराने, लेकिन स्थिति जस की तस
हैदराबाद की ECST कंपनी को उद्यान से एडवेंचर जोन और रोपवे हटाने का आदेश दिए हुए करीब छह महीने बीत चुके हैं, मगर आज भी पार्क में टिकट लेकर ही प्रवेश की अनुमति है। बच्चों के मनोरंजन के लिए बने इस पार्क को अब एक व्यावसायिक केंद्र में बदल दिया गया है।
लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आया। महापौर मीनल चौबे ने मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि “उद्यान को उसके मूल स्वरूप में लाया जाएगा, और किसी भी तरह का व्यावसायिक उपयोग बंद होना चाहिए।”
नेता प्रतिपक्ष का आरोप – महापौर और अधिकारियों की ठेकेदार से सांठगांठ
रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी ने इस मामले पर महापौर और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा,
“बच्चों के उद्यान को कारोबारी मैदान बना दिया गया है। झूले हटाकर दिखावटी कार्रवाई की गई, लेकिन एडवेंचर जोन और रोपवे आज भी चालू हैं। आखिर महापौर और अधिकारी ECST कंपनी पर इतने मेहरबान क्यों हैं? यह रिश्ता क्या कहलाता है?”

उन्होंने कहा कि निगम अधिकारियों ने केवल फोटो खींचकर रिपोर्ट भेजी, लेकिन जमीनी कार्रवाई शून्य रही। यह महापौर के आदेशों की खुली अवहेलना है।
महापौर बोलीं – नोटिस जारी हुआ था, अब फिर होगी कार्रवाई
इस पूरे विवाद पर महापौर मीनल चौबे ने सफाई देते हुए कहा कि निगम द्वारा नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने कहा, “मुझे अब तक कार्रवाई की पूरी जानकारी नहीं मिली है। अगर काम नहीं हुआ है, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा।”
स्थानीयों का आरोप – बच्चों का पार्क बना ठेकेदार का ठिकाना
उद्यान के आसपास रहने वाले लोगों ने नाराजगी जताई है। एक स्थानीय निवासी ने कहा,
“यह पार्क बच्चों के खेलने के लिए बना था, अब ठेकेदारों का अड्डा बन गया है। अधिकारी सिर्फ कागज़ी कार्रवाई करते हैं, असली कार्रवाई कोई नहीं करता।”
दूसरे निवासी ने सवाल उठाया कि “महापौर के आदेश के बाद भी जब पार्क में कारोबार जारी है, तो यह किसकी मिलीभगत का नतीजा है?”
राजधानी में उठ रहे सवाल
रायपुर नगर निगम में भाजपा की बहुमत वाली सरकार होने के बावजूद, राजधानी के बीचोंबीच बने उद्यान में जारी यह कथित कब्जा कई सवाल खड़े करता है। यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला राजनीतिक और जनआंदोलन का रूप भी ले सकता है।
जनता अब यही पूछ रही है —
“उद्यान बच्चों का होगा या ठेकेदार का कारोबार?”