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Congress government : कांग्रेस सरकार के बनाये कानून में ही फंस गए राहुल : भाजपा

Congress government : कांग्रेस सरकार के बनाये कानून में ही फंस गए राहुल : भाजपा

Congress government कांग्रेस सरकार के बनाये कानून के आधार पर गयी राहुल की सदस्यता

Congress government नयी दिल्ली !   भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता उन्हीं की पार्टी के शासन के समय जारी आर्डिनेंस के आधार पर गयी है लेकिन उनके चाटुकार उस पर हाय तौबा कर रहे है।

पार्टी के नेता एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने पार्टी मुख्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा,“ राहुल गांधी एक सार्वजनिक सभा में प्रधानमंत्री जी के सरनेम (जाति के नाम) के साथ अपशब्द जोड़ा था। जातिवाचक शब्द का प्रयोग करके अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। इस आरोप पर सूरत की एक अदालत ने जो फैसला सुनाया है, उससे साफ है कि भारत की कानून-व्यवस्था और प्रजातांत्रिक पद्धति पर कोई नहीं है। ”

प्रधान ने कहा, “आज जो फैसला हुआ है, उन्हीं की सरकार में आर्डिनेंस के आधार पर हुआ है, जब उनकी सदस्यता गयी तो उनकी पार्टी के लोग हाय-तौबा मचा रहे हैं। उनके चाटुकार छाती पीट रहे हैं। ”

Congress government उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी खासकर श्री गांधी का परिवार एक अलग आईपीसी (भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता) चाहता है जिसमें श्री गांधी को कोई सजा न हो, वह उनके लिए एक अलग न्यायपालिका चाहते हैं और यह नहीं समझते कि लोकतंत्र में कानून सबके लिए एक समान है।

भाजपा नेता एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अभद्र भाषा का प्रयोग ‘अपमान करने का काम, अपशब्द बोलना राहुल गांधी की आदत बन गयी थी। उनको लगता था कि कुछ भी कह दो, कर दो, आपको देश में कोई कुछ बोल नहीं सकता। वह अपने आपको सभी चीजों से ऊपर समझते थे।

श्री ठाकुर ने राहुल गांधी के संसदीय कार्यवाही में शामिल होने के रिकाॅर्ड का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र अमेठी के लिए कोई सवाल नहीं पूछा था और पिछले 13 वर्षों में सांसद के रूप में हैं, मात्र 21 चर्चाओं में उन्होंने भाग लिया।

श्री ठाकुर ने कहा, “भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं। राहुल ने कहा था, वह दुर्भाग्य से सांसद हैं , आज उस ‘दुर्भाग्य’ से उनको मुक्ति मिल गयी। वायनाड के लोगों को भी छुटकारा मिल गया। ”

उल्लेखनीय है कि किसी अपराध में दो साल के आधार पर जनप्रतिनिधियों की सदस्यता खत्म होने का कानून कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में बना था। इसके तहत संसद एवं विधानमंडलों के सदस्याें को दोषी करार दिये जाते ही उनकी सदस्यता तत्काल एवं स्वत: समाप्त हो जाती है।

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