बिलासपुर RPF कमांडेंट दिनेश सिंह तोमर के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत, IG से मांगी गई गोपनीय रिपोर्ट

बिलासपुर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कमांडेंट दिनेश सिंह तोमर के खिलाफ गंभीर आरोपों के चलते मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो शिकायत में कमांडेंट के व्यवहार और कार्यशैली को लेकर 11 अलग-अलग बिंदुओं पर आपत्ति जताई गई है। आयोग ने शिकायत की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है और इस सिलसिले में RPF के IG मुन्नवर खुर्शीद से गोपनीय रिपोर्ट मांगी गई है।

क्या हैं शिकायत के प्रमुख आरोप?
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कमांडेंट तोमर मनमाने ढंग से स्टाफ का वेतन काटते हैं और अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर अत्यधिक संख्या में कंट्रोल ऑर्डर जारी किए गए हैं — जो पूरे भारतीय रेल तंत्र में अभूतपूर्व हैं। इसके अलावा, हर महीने “वेंडर ड्राइव” के नाम पर कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव डाला जाता है, और अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने पर पूरी टीम को वेतन कटौती का सामना करना पड़ता है।

एसीपी और कोयला चोरी के झूठे केस का दबाव
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि एसीपी (Annual Confidential Report) जैसे मामलों में कर्मचारियों को मेजर चार्टशीट दी जा रही है, जो मानसिक दबाव का कारण बन रही है। यहां तक कि कुछ मामलों में कर्मचारियों पर कोयला चोरी के फर्जी केस दर्ज करने का दबाव बनाए जाने का आरोप भी लगाया गया है।

मानसिक प्रताड़ना के आरोप, आत्महत्या की कोशिश तक की बात
सबसे गंभीर आरोप यह है कि लगातार मानसिक प्रताड़ना के चलते कुछ कर्मचारियों ने आत्महत्या का प्रयास तक किया है। विभागीय माहौल में तनाव इतना बढ़ गया है कि इंस्पेक्टरों और कमांडेंट के बीच आए दिन कहासुनी आम हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ इंस्पेक्टरों को 4 से 6 घंटे के भीतर बार-बार स्पष्टीकरण मांगे जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं।

महिला इंस्पेक्टर से भी विवाद, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गर्मा-गर्मी
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान एक इंस्पेक्टर और कमांडेंट के बीच तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद उस इंस्पेक्टर को तत्काल बिलासपुर तलब किया गया। वहीं एक महिला इंस्पेक्टर के साथ भी कमांडेंट के गर्म रवैये की चर्चा विभागीय स्तर पर सुर्खियों में है।

क्या कहती है शिकायत?
शिकायत में यह भी मांग की गई है कि कमांडेंट के कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों के वेतन में की गई कटौतियों की पूरी जांच होनी चाहिए। यह जांच ही पूरे मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए पर्याप्त मानी जा रही है।

IG से मांगी गई गोपनीय रिपोर्ट
मामले की गंभीरता को देखते हुए मानवाधिकार आयोग ने IG आरपीएफ मुन्नवर खुर्शीद से एक विस्तृत और गोपनीय रिपोर्ट मांगी है, जो पूरे घटनाक्रम का मूल्यांकन करेगी।

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