Collector and SP Korba : कलेक्टर और एसपी ने गुरु गद्दी और जैतखाम की पूजा कर 3 दिवसीय गुरु घासीदास जयंती का किया शुभारंभ

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उमेश कुमार डहरिया

Collector and SP Korba :  संत गुरु घासीदास के दिए शिक्षा से समाज में आई प्रगति- एसपी संतोष सिंह

सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास की 266वी जयंती के अवसर पर

Collector and SP Korba :  कोरबा !  सतनामी कल्याण समिति के द्वारा सतनाम प्रांगण टीपी नगर कोरबा में 3 दिवसीय गुरु पर्व का आयोजन किया जा रहा है। जयंती के प्रथम दिवस 17 दिसंबर को सीतामणी से टीपी नगर सतनाम प्रांगण तक शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा की समाप्ति पश्चात कलेक्टर श्री संजीव झा और एसपी श्री संतोष सिंह ने सतनाम प्रांगण में विधि विधान से गुरू गद्दी और जैतखाम की पूजा अर्चना कर तीन दिवसीय जयंती पर्व का शुभारंभ किया। साथ ही कलेक्टर और एसपी ने बाबा गुरु घासीदास के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित और दीप प्रज्जवलित भी किया ।

Collector and SP Korba :  कलेक्टर और एसपी के समक्ष पंथी नृत्य और सतनाम चौका भजन अमृतवाणी पंथी पार्टी बघमार जिला मुंगेली के द्वारा प्रस्तुत किया गया। भक्ति भाव से परिपूर्ण देर रात तक चले पंथी नृत्य ने कलेक्टर – एसपी सहित भारी संख्या में मौजूद दर्शकों का मन मोह लिया। इस दौरान एडीएम श्री विजेंद्र पाटले, तहसीलदार कटघोरा श्री केके लहरे सहित सतनामी कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री यू आर महिलांगे और भारी संख्या में नागरिकगण मौजूद रहे।

Collector and SP Korba : इस अवसर पर कलेक्टर श्री झा ने कहा की बाबा गुरु घासीदास ने अविकसित और दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र में रहते हुए गिरौदपुरी गांव से निकलकर मानव मानव एक समान का सूत्र दिया। ढाई सौ वर्ष से अधिक समय पहले समानता, अहिंसा, नशा मुक्ति और सरल समाज की परिकल्पना संत गुरु घासीदास का महानता का परिचय है। कलेक्टर श्री झा ने कहा की संत गुरु घासीदास ने सरलता, सादगी से मानव समाज कैसे आपस में मिल जुल के रहे, इसका समाधान किया। उनकी शिक्षाएं सरल भाषा में उपलब्ध है।

मौखिक परंपरा से आई उनकी शिक्षा का समाज पर जो प्रभाव पड़ा उससे जात – पात, भेद भाव की दूरी मिटती गई। उन्होंने हिंसा से दूर रहने, मनुष्यों में समानता, नशा मुक्ति और आडंबर से दूर सहज सरल समाज की शिक्षा दी। जात पात, ऊंच नीच को दूर करने की बात डॉ भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी ने कही।

Collector and SP Korba : वही बात उनसे पहले बाबा गुरु घासीदास ने सरल और आंचलिक शब्दो में कहकर लोगों को शिक्षा दी। उनकी शिक्षा और संदेश को सभी अनुयायी जाति धर्म से परे होकर नमन कर रहे है। इस अवसर पर एसपी श्री सिंह ने कहा की बाबा गुरु घासीदास ने मनखे मनखे एक समान के सिद्धांत को मानते हुए सर्व समाज को समान माना। अहिंसा और नशे से दूर रहने लोगो को शिक्षा दी। संत गुरु घासीदास के शिक्षा से समाज सुधार में प्रगति आई। साथ ही उनकी शिक्षा से जनमानस में भेद भाव और नशा पान नही करने की जागरूकता आई

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