kasdol news update : गुरु घासीदास बाबा जी के जन्मदिन पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने दी प्रदेशवासियों एवं देशवासियों को  शुभकामनाएं एवं बधाई !

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भुवनेश्वर प्रसाद साहू

kasdol news update : जाति व्यवस्था … समाज के लिए कोढ़!

 kasdol news update : कसडोल ! गुरु घासीदास बाबा जी का जन्म ऐसे समय हुआ जब समाज में छुआछूत , ऊंच – नीच , झूठ – कपट का बोलबाला था !
गुरु घासीदास बाबा जी ने ऐसे समय में समाज को एकता ,भाईचारे तथा समरसता का संदेश दिया !

kasdol news update : गुरु घासीदास बाबा जी का जन्म 18 दिसंबर सन 1756 में छत्तीसगढ़ राज्य के बलौदाबाजार जिला , कसडोल विकासखंड में स्थित गिरौदपुरी गांव में हुआ ! गुरु घासीदास के पिता का नाम महंगूदास , माता का नाम अमरौतिन व पत्नी का नाम सफूरामाता था ! गुरु बाबा घासीदास जी व सफूरामाता के सुभद्रा देवी , गुरु अमरदास जी , गुरु बालकदास जी , गुरु आगरदास जी व गुरु अड़गडि़हादास जी नामक पांच संतान हुए !
गुरु घासीदास बाबा जी की सत्य के प्रति अटूट आस्था की वजह से ही इन्होंने बचपन में कई चमत्कार दिखाएं , जिसका लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा !

kasdol news update : गुरु घासीदास बाबा जी ने समाज के लोगों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी ! उन्होंने ना सिर्फ सत्य की आराधना की , बल्कि समाज में नई जागृति पैदा की और अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग मानवता की सेवा के कार्य में किया ! इसी प्रभाव के चलते लाखों लोग गुरु घासीदास बाबा जी के अनुयाई हो गए ! फिर छत्तीसगढ़ राज्य में सतनाम पंथ की स्थापना हुई , इस संप्रदाय के लोग उन्हें अवतारी पुरुष के रूप में मानते हैं !

जाति व्यवस्था … समाज के लिए कोढ़!

गुरु घासीदास बाबा जी जाति व्यवस्था को मानव व समाज के सबसे बड़ा कोढ़ मानते थे ! उनका मानना था कि यह जाति व्यवस्था ही है जिसके कारण देशवासियों को सैकड़ों सालों तक गुलामी को अपने कंधों पर ढोना पड़ा ! जब तक जाति व्यवस्था रूपी कोढ़ को खत्म नहीं किया जाएगा , तब तक देश में राष्ट्रीय एकता के सूरज का उदय नहीं होगा ! यह तभी संभव हो सकता है जब देश में जाति विहीन समाज की स्थापना हो !

बचपन से ही गुरु घासीदास बाबा जी कुशाग्र एवं जिज्ञासु बुद्धि के थे ! तत्कालीन समय में छत्तीसगढ़ के दलित , शोषित , पीड़ि़त समझे जाने वाले लोगों का जीवन बड़ा ही दुख:मय में था !

मानव – मानव में छुआछूत , ऊंच-नीच का भेदभाव व्याप्त था !

मंदिरों में धर्म-कर्म के नाम पर नरबलि और पशुबलि की परंपरा प्रचलित थी ! मंदिर और मठ अनाचार का केंद्र बने हुए थे ! नारी जाति के प्रति शोषण का भाव मंदिरों में भी देखने को मिलता था ! अंधविश्वास के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा था ! धार्मिक साधना का रूप काफी विकृत था !
धार्मिकता की आड़ में लोग मांस और मदिरा का सेवन कर रहे थे ! जनता छोटे राजाओं, पिंडारिओं , सूबेदारों के लूट और आतंक से त्राहि-त्राहि कर रही थी ! लगान और राजस्व वसूली ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी थी ! ऐसे ही समय में लोगों को समस्त प्रकार के शोषण से मुक्ति दिलाने , उनकी अज्ञानता को दूर करने के लिए गुरु घासीदास बाबा जी का अवतरण हुआ था ! गुरु घासीदास बाबा जी द्वारा मानव धर्म का प्रचार कर शोषण से मुक्ति दिलाना उनका ध्येय था !

गुरु घासीदास बाबा जी अपनी पत्नी और पांच बच्चों को छोड़कर वैराग्य धारण करने के संकल्प को लेकर उडी़सा के जगन्नाथपुरी की ओर चल पड़े ! वहां से छतीसगढ़ के सारंगढ़ होते हुए गिरौदपुरी के औरा-धौरा पेड़ के नीचे धुनी रमाने लगे ! जहां उन्हें आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई !
इस आत्मज्ञान से उन्होंने सतनाम को प्राप्त किया !

उनके ज्ञान से प्रभावित विभिन्न जाति और समुदाय के लोग उनके अनुयाई होने लगे ! तत्कालीन शासकों व उच्च वर्ग को उनका यह प्रभाव रास नहीं आया ! वे गुरु घासीदास बाबा जी को परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ा ! इसलिए गुरु घासीदास बाबा जी अपने परिवार सहित भंडारपुरी आ कर रहने लगे !

गुरु घासीदास बाबा जी का चमत्कारिक जीवन

गुरु घासीदास बाबा जी के आलौकिक चमत्कारों में प्रमुख है- पांच एकड़ जमीन में पांच काठा का धान बोना और भारी फसल उगाना , बैगन के पौधे में मिर्च को फलाकर दिखाना , कमजोर बैलों से हल चलवाना , खेत की संपूर्ण जली हुई फसल को रातों-रात पुन: लहलहाते हुए दिखाना आदि !

गुरु घासीदास बाबा जी का मानना था कि सत्यनाम को ही पूजने पर ईश्वर की प्राप्ति संभव है !

“सत्य से धारणी खड़ी , सत्य से खड़ा आकाश है !
सत्य से उपजी पृथ्वी, कह गए बाबा घासीदास जी” !!

जैतखंब में श्वेत ध्वजा

ऐसे सिद्ध पुरुष ने सन 1850 में समाधि ले ली ! सतनाम धर्म के अनुयाई अपने गांव तथा निवास स्थल में जैतखाम ( 21 हाथ लंबाई माप का खंभा ) लगाकर इस पर श्वेत ध्वजा प्रतिवर्ष गुरु घासीदास बाबाजी के जन्मदिन 18 दिसंबर को फहराते हैं !

गुरु घासीदास बाबा जी के सात अनमोल वचन

(1) सतनाम को मानो
(2) मूर्ति पूजा मत करो
(3) जाती पाती प्रपंच से दूर रहो
(4 ) मांसाहार मत करो ,जीव हत्या मत करो
(5 ) पर स्त्री को माता मानो
(6 ) मदिरा का सेवन मत करो
(7 ) दोपहर के समय खेत में हल मत चलाओ !

kasdol news update : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने गुरु घासीदास बाबा जी के जन्मदिन ( आज 18 दिसंबर ) को प्रदेशवासियों व संपूर्ण देशवासियों को शुभकामनाएं एवं बधाई प्रेषित करते हुए कहा कि गुरु घासीदास बाबा जी के बताए हुए सत्य के मार्ग पर ही चल कर ही हम अपने घर -परिवार के साथ , प्रदेश व देश की उन्नति एवम् प्रगति कर सकते हैं ! गुरु घासीदास बाबा जी के प्रमुख संदेश मानव – मानव एक समान को सार्थक कर सकते हैं !

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