CM Bhupesh Baghel- न्याय से भरोसे तक का सफर

CM Bhupesh Baghel

जनधारा मीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र के साथ सीएम भूपेश बघेल की खास बातचीत

रायपुर। छत्तीसगढ़ का बजट 2023 पेश हो चुका है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे सदन में पेश करने के कुछ देर बाद जनधारा मीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र के साथ एक खास बातचीत की। इस बातचीत से आप समझ सकते हैं कि प्रदेश के विकास के लिए सरकार की क्या योजना है और आने वाले समय में सरकार किस ओर अपना फोकस बढ़ा रही है। इस साल चुनाव होना है ऐसे में इस बजट को बनाने में कितनी चुनौती रही है ये तमाम बातें इस बातचीत में आई हैं।

CM Bhupesh Baghel
CM Bhupesh Baghel- न्याय से भरोसे तक का सफर

सुभाष मिश्र – आपने मुख्यमंत्री के तौर पर जब अपनी यात्रा शुरू की थी तो आपने न्य़ाय की बात कही थी, वर्ष बीतने के बाद न्याय भरोसे में तब्दील होते दिख रहा है, इसे किस तरह देखते हैं ?
भूपेश बघेल- ये विश्वास कायम रखना बड़ी चुनौती होती है, ये आसान काम नहीं है। हमारे सामने परिस्थितियां भी विपरित रही हैं एक तो वैश्विक महामारी दूसरा मानव निर्मित रही है। केन्द्र सरकार ने हमारे काम में खूब अड़ंगे लगाए। इसके बाद भी हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों का भरोसा जीता। हम सीधे 2500 रुपए दे रहे थे तो केन्द्र सरकार ने अड़ंगा लगाया तो 9000 रुपए प्रति एकड़ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दिया। फिर मिलेट्स कोदो-कुटकी लगाने वाले किसानों को भी अनुदान राशि दी। इस तरह कृषि के क्षेत्र में लोगों का भरोसा हमने जीता। इसी तरह वनोपज के क्षेत्र में काम किया गया। पहले महुआ को दो रुपए में खरीदते थे सड़कों में फेंक दिया जाता था। हमने 30 रुपए समर्थन मूल्य दिया न केवल महुआ बल्की कई तरह के वनोपज को हमने खरीदा और उसका वैल्यू एडिशन भी किया। दुनियाभर में आदिवासियों से जमीन ली जाती है, उन्हें वापस नहीं कराई जाती हमारी सरकार पहली है जिसने आदिवासियों की जमीन वापस कराई है। इसके अलावा पशुपालकों के लिए गोधन न्याय योजना प्रदेश में दस हजार गौठन बनाए गए। इनमें से 5 हजार गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। अब हमने गौठान समिति के अध्यक्ष के लिए भी मानदेय की घोषणा कर दी है। इसी तरह मितानीन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, कोतवाल, पटेल सभी के लिए मानदेय की घोषणा सरकार ने की है इससे भरोसा स्थापित हुआ है। ओल्ड पेंशन योजना हमने लागु कर दी जबकि केन्द्र सरकार ने इसके लिए बहुत अड़ंगे लगाए।

सुभाष मिश्र- संविदा कर्मचारियों को इस बजट से उम्मीदें थीं, उनके लिए आपने इसे आगे के लिए बचाकर रखा है?
भूपेश बघेल- कुछ वर्ग छूटे हुए हैं, फिर हमारे पास समय़ भी है। कुछ परेशानी भी है कुछ चुनौतियां भी है। सबका समाधान ढूंढकर आगे बढ़ेंगे।

सुभाष मिश्र- धान के कटोरे को धन के कटोरे में आपने तब्दील किया है, ये जादू कैसे हुआ ?
भूपेश बघेल- देखिए इसे धान का कटोरा कहा जाता था लेकिन किसान कर्ज से लदा होता था। कहा जाता था कि किसान कर्ज में पैदा होता है और कर्ज के साए में उसकी मौत हो जाती है, लेकिन इस मुहावरे को अब बदल दिया गया है। अब कोई किसान कर्जदार नहीं है। मेरे किसान के माथे में चिंता की लकीर नहीं है। उसे हर तीन माह में राजीव गांधी किसान योजना के तहत किस्त मिल जाएगी। अभी मार्च खत्म होने से पहले पहले चौथी किस्त किसानों को मिल जाएगी। एक तरफ हमनें किसानों की अर्थव्यवस्था को सुधार तो वहीं मजदूरों को भी 7000 रुपए दे रहे हैं अब उसका भी विस्तार कर दिए हैं। गोधन न्याय योजना के तहत पैसा मिल रहा है, वनांचल में भी कमाई हो रही है इसलिए ये धान का ही कटोरा नहीं रह गया अब ये धन का भी कटोरा हो गया है।

सुभाष मिश्र- इन तमाम विपरित परिस्थितियों के बाद भी आप कांग्रेस का राष्ट्रीय महाअधिवेशन कराते हैं। विधानसभा में तमाम सवालों का सामना करते हैं। जबकी आपके करीबी साथियों पर कई तरह के दबाव बनाया जाता है, ऐसे में जानना चाहेंगे ये भरोसा और साहस कहां से मिलता है ?
भूपेश बघेल- मेरा काम सिर्फ चुनौती को स्वीकार करना रहता है, बाकी काम मेरे साथी लोग कर लेते हैं। एक-एक काम बांट दो पूरी ईमानदारी पूरी क्षमता के साथ जुट जाते हैं और काम सफलता पूर्वक हो जाता है। यहां हुए राष्ट्रीय अधिवेशन को अब तक का सबसे बढिय़ा अधिवेशन कहा जाता है। ये कार्यकर्ताओं की मेहनत के बदौलत हो पाया। यहां आए सभी लोग प्रशंसा करते हुए यहां से गए ये हमारे साथियों की जी-तोड़ मेहनत का नतीजा है ये एक टीम वर्क है।

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