आमाबेड़ा में मसीही समाज के एक सदस्य के निधन के बाद कफन-दफन को लेकर उपजे विवाद ने प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना लिया है। इस घटनाक्रम के बीच स्थानीय मसीही समाज के संरक्षक डॉ. प्रदीप क्लाडियस ने समाज की ओर से बड़ा और भावनात्मक बयान दिया है।

डॉ. क्लाडियस ने कहा कि अब मसीही समाज अपने किसी भी सदस्य की मृत्यु के बाद शव को स्वयं दफन नहीं करेगा। इसके बजाय शव को सीधे शासन-प्रशासन को सौंप दिया जाएगा, ताकि अंतिम संस्कार की प्रक्रिया प्रशासन अपने नियमों और व्यवस्था के अनुसार पूरी कर सके।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मसीही समाज लंबे समय से कब्रिस्तान के लिए भूमि आवंटन की मांग करता आ रहा है, लेकिन बार-बार आवेदन और ज्ञापन देने के बावजूद आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। इस स्थिति ने समाज को बेहद आहत किया है।
संरक्षक ने स्पष्ट किया कि मसीही समाज शांतिप्रिय है और किसी भी प्रकार के तनाव, विवाद या हिंसा में विश्वास नहीं रखता। यदि प्रशासन द्वारा कब्रिस्तान के लिए उचित स्थान उपलब्ध करा दिया जाए, तो इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
डॉ. क्लाडियस ने यह भी कहा कि कब्रिस्तान की मांग को लेकर समाज ने रैलियां भी निकालीं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अब तक सकारात्मक पहल नहीं दिखी। उन्होंने प्रशासन से संवेदनशीलता दिखाते हुए इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने की अपील की।
धर्मांतरण के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक व्यक्तिगत आस्था का विषय है। हर व्यक्ति को अपने विवेक से धर्म चुनने या छोड़ने का अधिकार है। किसी पर दबाव डालकर या प्रताड़ित कर धर्म परिवर्तन कराना न तो उचित है और न ही स्वीकार्य।