संत गुरु घासीदास रजत जयंती समारोह के समापन में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

सारंगढ़। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गुरु घासीदास ज्ञान स्थली, पुष्पवाटिका में आयोजित तीन दिवसीय संत गुरु घासीदास रजत जयंती समारोह के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ज्ञान स्थली में स्थापित जैतखाम में विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास केवल किसी एक समाज के नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के मार्गदर्शक थे। उनका अमर संदेश “मनखे-मनखे एक समान” सामाजिक समानता, मानवीय गरिमा तथा भाईचारे की सुदृढ़ नींव रखता है। उन्होंने कहा कि जिस दौर में समाज छुआछूत, भेदभाव तथा रूढ़ियों से जकड़ा हुआ था, उस समय बाबा गुरु घासीदास ने सत्य, अहिंसा तथा समानता का निर्भीक संदेश देकर समाज को नई दिशा प्रदान की।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार संत गुरु घासीदास बाबा के विचारों से प्रेरणा लेकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास तथा न्याय पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को बीते दो वर्षों में धरातल पर उतारा गया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। पिछले दो वर्षों में प्रदेश में धान का रकबा तथा किसानों की संख्या दोनों में वृद्धि हुई है, जो कृषि क्षेत्र में सरकार की नीतियों के प्रति किसानों के बढ़ते विश्वास का प्रमाण है। सरकार प्रत्येक पात्र किसान से धान खरीदी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना के माध्यम से राज्य की लगभग 70 लाख महिलाओं को लाभ मिल रहा है, जिससे महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूती मिली है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पीएससी भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि युवाओं को योग्यता के आधार पर अवसर मिल सके। नई औद्योगिक नीति के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग के बेटा-बेटियों को उद्यमिता के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह नीति न केवल रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि सामाजिक न्याय को भी सशक्त कर रही है। मुख्यमंत्री ने सभी समाज वर्गों से संत गुरु घासीदास बाबा के विचारों को आत्मसात करते हुए विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनने का आह्वान किया।

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