रायपुर, छत्तीसगढ़। राज्य में बारिश के बाद सड़कें बुरी तरह खराब हो गई हैं। राज्य गुणवत्ता नियंत्रण सेल के अनुसार इस साल अब तक 27 जिलों की कुल 214 सड़कें खराब हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं: रायपुर, धमतरी, राजनांदगांव, कवर्धा, अंबिकापुर, बेमेतरा, दुर्ग, कांकेर और कोंडागांव।

ठेकेदार और इंजीनियरों की स्थिति
- दो ठेकेदार को आंशिक रूप से ब्लैकलिस्ट किया गया।
- सात ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी।
- 12 इंजीनियरों पर विभागीय जांच चल रही है।
खराब सड़कों की हालात
- रायपुर-जबलपुर मार्ग (कवर्धा बाइपास): लगभग 1.5 किलोमीटर सड़क पूरी तरह टूटी हुई। चारपहिया वाहन मुश्किल से चल पा रहे हैं। बारिश के दिनों में गड्ढों में पानी भरने से कई हादसे भी हो चुके हैं।
- पोड़ी बाइपास और रहुआ-रेहुंटा मार्ग: 2 से 3.5 किलोमीटर सड़क खराब।
- पंडरिया मार्ग: पूरी सड़क ही खस्ता हालत में।
- धमतरी पुराना मार्ग: कुछ हिस्सों में फोरलेन, कुछ में टू-लेन; भारी वाहनों के कारण सड़क एक-एक फीट तक धंस गई है।
- कांकेर जिले (दुर्गुकोंदल-इरपानार): हर 100 मीटर पर 10-10 गड्ढे।
बजट और पुनर्निर्माण योजना
- इस साल सड़क निर्माण और मरम्मत के लिए 2,000 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित।
- माओवादी प्रभावित क्षेत्रों दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के लिए केंद्र सरकार ने 195 करोड़ रुपए स्वीकृत।
- 26 जिलों में 569.56 किमी सड़क और 108 पुल निर्माण के लिए 375.71 करोड़ की मंजूरी।
- पीडब्ल्यूडी ने दावा किया है कि 2025-26 में 3,200 किमी सड़क सुधार कार्य लगभग 1,400 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया।
पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने कहा कि पुरानी सड़कों की मरम्मत और नई सड़क निर्माण का काम प्रदेश में तेजी से और व्यापक स्तर पर जल्द शुरू किया जाएगा।