(Chhattisgarhi folk singing) ऐसे बड़े मंच मिलने से हौसला बढ़ता है, राजिम का मंच कलाकारों के लिए स्वर्ग के समान

(Chhattisgarhi folk singing)

(Chhattisgarhi folk singing) आरू साहू ने की पत्रकारों से चर्चा

(Chhattisgarhi folk singing) राजिम। छत्तीसगढ़ी लोक गायन के क्षेत्र में छोटी उम्र के बावजूद छत्तीसगढ़ के आरू साहू एक ऐसी सेलिब्रिटी बन गई है जिसे हर कोई गाते हुए देखना चाहता है। लोगों को जब पता चला कि मंगलवार को आरू साहू के कार्यक्रम की प्रस्तुति होगी तो भीड़ बेकाबू हो गया। राजिम पुन्नी मेला में उनके प्रस्तुति के बाद पत्रकारों से रूबरू हुई। उन्होंने कहा कि उन्हें सभी गानों में अधिक प्रेम मिलता है। मैं मंच पर हर गाना सोच समझकर गाती हूं।

(Chhattisgarhi folk singing) उन्होंने कहा कि 2019 में नॉर्थ शिकागो जाना था, किंतु मार्च में कोरोना वायरस के चलते स्थगित हो गया। छत्तीसगढ़ के हर जिलों के अलावा नागपुर, महाराष्ट्र, एमपी सहित कई राज्यों में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हूं। इस वर्ष अप्रैल में पंजाब के भटिंडा जाना है जहां पर छत्तीसगढ़ी के अलावा हिंदी गानों की भी प्रस्तुति होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी गायक उन्हें अच्छा लगता है।

उन्होंने कहा कि वैसे तो वह क्लास पीपी 2 से गाना गा रही है लेकिन जब वह क्लास फाइव में थे तब एक छत्तीसगढ़ी गाना बर्थडे पार्टी में गाया था जो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हुआ और लोग हाथों हाथ उठा लिया। इसके बाद जब मैं अपना पहला कार्यक्रम धमतरी के जबर हरेली में प्रस्तुत किया तो दर्शकों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

(Chhattisgarhi folk singing) इससे मुझे बहुत खुशी भी हुआ, लेकिन कार्यक्रम की समाप्ति के बाद दर्शक खाली ही हो गया है जिससे अन्य कलाकारों की प्रस्तुति को देखने लोग मौजूद नहीं रहे यह मुझे काफी बुरा लगा। उन्होंने बताया कि एक छत्तीसगढ़ी फिल्म में गाना गाई थी पढ़ाई के साथ कार्यक्रम में भी समय निकल जाती है।
आरू साहू का कहना है कि जिस तरह लता मंगेशकर को लता दीदी के नाम से जानी जाती है उसी तरह मुझे भी छत्तीसगढ़ की बेटी की तरह जाने। बताया कि 3 बार मुख्यमंत्री के मंच में कार्यक्रम की प्रस्तुति देने का अवसर मिला। उन्होंने भी कहा कि हर मंच में आरू छत्तीसगढ़ की संस्कृति को प्रस्तुत करती है जिसमें सुआ, करमा, ददरिया, जस गीत, जंवारा है।

(Chhattisgarhi folk singing) आरू का कहना है कि वे गायिका बनना चाहती है। अपना गुरु अपने मम्मी -ापा को ही बताया कहा कि सब तैयारी मंच में ही हो जाता है। अभी तक कोई विशेष रिहर्सल नहीं हुआ है। राजिम के इस मंच के बारे में तारीफ करते हुए आरू साहू ने कहा कि राजिम का यह मंच कलाकारों के लिए स्वर्ग है यहां पर सौभाग्य से प्रस्तुति देने का असर मिलता है।

इससे इस बड़े मंच से हौसला भी बढ़ता है। उन्हें जी गिलिब्स अवार्ड मिल चुका है इसके अलावा राज्यपाल के हाथों बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए अवार्ड और बैरिस्टर छेदीलाल अवार्ड मिल चुका है। उन्होंने कहा कि वह हिंदी गायिका नेहा कक्कड़ से खासे प्रभावित हैं उनका अंदाज और गायन अच्छा लगता है।

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