रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश नर्सेस एसोसिएशन (CGPNA) ने 4 और 5 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी से मिलकर अपनी लंबित मांगें फिर से उठाईं। प्रतिनिधिमंडल ने वेतन विसंगति, पदोन्नति, नर्सिंग ऑफिसर पदनाम, लंबित समयमान वेतन, परीक्षा अवधि के दौरान कटे स्टाइपेंड की राशि सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की।

मुख्य बिंदु
- स्वास्थ्य मंत्री और वित्त मंत्री ने मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया और जल्द निराकरण का आश्वासन दिया।
- प्रतिनिधिमंडल ने संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचकर नव पदस्थ संचालक संजय झा को भी अपनी समस्याओं और लंबित मांगों से अवगत कराया।
- मंत्रालय में उच्च अधिकारियों से भी बातचीत की गई और मांगों को शीघ्र पूरा कराने के लिए निर्देश देने का निवेदन किया गया।
नर्सिंग स्टाफ की भूमिका
एसोसिएशन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग स्टाफ 24×7 सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में इनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। इसके बावजूद उनके वेतन, प्रमोशन, स्टाइपेंड एरियर्स और प्रोत्साहन राशि जैसी मांगों पर वर्षों से सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है।

एसोसिएशन का भरोसा
प्रदेश अध्यक्ष सुमन शर्मा ने मीडिया से कहा कि इस बार चर्चाएं सकारात्मक रहीं और उम्मीद है कि शासन स्तर पर शीघ्र कार्रवाई होगी। उनका कहना था कि जल्द ही नर्सिंग स्टाफ को “नर्सिंग ऑफिसर” का सम्मानजनक पदनाम मिलेगा।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोग
प्रदेश अध्यक्ष सुमन शर्मा, संयुक्त सचिव माया भारती, कोषाध्यक्ष तृप्ति साहू, मीडिया प्रभारी किरण देवी निषाद, संभाग उपाध्यक्ष सरगुजा नरेंद्र कुमार तिवारी, टिकेश्वरी यादव, अमित कुजूर, अमृता भगत, वर्षा मधुकर, अनीशा खलको, साधना तिग्गा, प्रियंका कुटारे सहित अन्य पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।