रायपुर। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिवसीय कलम बंद-काम बंद आंदोलन की घोषणा की है। फेडरेशन अध्यक्ष कमल वर्मा ने बताया कि इस चरणबद्ध आंदोलन में संचालनालय से लेकर सभी कलेक्टर कार्यालयों का बहिष्कार किया जाएगा।
वर्मा ने कहा कि आंदोलन 11 सूत्रीय मांगों को लेकर है। प्रथम चरण में 16 जुलाई 2025 को जिला कलेक्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन मांगों का निराकरण नहीं होने से कर्मचारी आक्रोशित हैं। यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन आगे के चरणों में और व्यापक हो सकता है।
फेडरेशन की प्रमुख मांगें:
- केंद्र सरकार के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत प्रदान किया जाए।
- वर्ष 2019 से लंबित महंगाई भत्ता एरियर्स जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाए।
- विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों के लिए पिंगुआ कमेटी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
- चार स्तरीय समयमान वेतनमान 8, 16, 24 एवं 32 वर्ष में प्रदान किया जाए।
- सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान तथा नगरीय निकाय कर्मचारियों को नियमित वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दी जाए।
- अन्य भाजपा शासित राज्यों की तरह कैशलेस सुविधा लागू की जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति निःशर्त लागू कर 10 प्रतिशत सीलिंग समाप्त की जाए तथा सीधी भर्ती के सभी पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
- मध्य प्रदेश की तरह अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस किया जाए।
- प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर सभी लाभ दिए जाएं तथा पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
- विभागों में सेटअप पुनरीक्षण के अभाव में सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए।
- कार्यभारित, दैनिक वेतनभोगी, अनियमित एवं संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण कर नियमित पदस्थापना की जाए।