Chhattisgarh News: जूतों की माला पहनाकर किया था अपमान, अब कोर्ट ने सुनाई सजा — 7 लोगों को छह-छह महीने की जेल

पखांजूर (कांकेर)। ढाई साल पहले छत्तीसगढ़ के पखांजूर क्षेत्र के कमालपुर गांव में हुई एक शर्मनाक घटना का अब अंजाम सामने आ गया है। उस पंचायत में जहां एक पिता और उसकी बेटी का सार्वजनिक अपमान किया गया था, अब उसी मामले में कोर्ट ने सात आरोपियों को सजा सुनाई है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट ध्रुवराज ग्वाल की अदालत ने सभी सात आरोपियों को छह-छह महीने की सजा और कुल 7,000 रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है। सजा पाने वालों में गांव के प्रमुख और घटना के दौरान मौजूद अन्य लोग शामिल हैं।


क्या था मामला

यह घटना 22 जनवरी 2023 की है। कमालपुर गांव के निवासी केनाराम मंडल की दूसरी पत्नी प्रतिमा ने उनकी पहली पत्नी से हुई 19 वर्षीय मंदबुद्धि बेटी पर झूठा आरोप लगाया था कि उसका अपने पिता से अवैध संबंध है। बिना किसी सबूत के गांव में पंचायत बुला ली गई।

गांव की भीड़ ने केनाराम और उनके दोस्त निर्मल सूत्रधार को जबरन घर से निकालकर चौपाल में लाया। वहां उनके गले में जूते की माला पहनाई, लात-घूंसे मारे और जबर्दस्ती माफी मंगवाई। यह पूरा घटनाक्रम मोबाइल कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।


पुलिस की कार्रवाई और कोर्ट का फैसला

घटना के वक्त केनाराम ने पुलिस से मदद मांगी थी, लेकिन जवाब में उनसे वीडियो भेजने को कहा गया। डर के माहौल में वे ऐसा नहीं कर सके। बाद में यह मामला कोर्ट पहुंचा।

कोर्ट ने 28 गवाहों के बयान और 14 साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया।
दोषियों में सांतनु हालदार, विश्वजीत सरदार, अजय पाल उर्फ कटाई, प्रवीण बनिक, शिदित्य बनिक, सुमित बनिक और प्रदीप्त बनिक शामिल हैं।

अदालत ने इन पर

  • धारा 451 (घर में अवैध प्रवेश) के तहत 6 महीने की सजा,
  • धारा 323 (मारपीट) के तहत ₹1,000 का जुर्माना,
  • धारा 147 (दंगा) के तहत ₹3,000 का जुर्माना लगाया।

हालांकि, गाली-गलौज और धमकी से जुड़ी धाराएं सबूतों के अभाव में खारिज कर दी गईं।


“अब कोर्ट की मुहर है, कोई हिम्मत नहीं करेगा”

फैसले के बाद कोर्ट परिसर में केनाराम की आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा —

“मेरी बेटी आज भी उस दिन की बात याद कर कांप जाती है। लेकिन आज उसे लगा कि दुनिया में इंसाफ अभी बाकी है।”

निर्मल सूत्रधार ने भी कहा —

“पुलिस उस दिन फोन पर वीडियो मांगती रही, आज कोर्ट ने असली वीडियो देख लिया।”

गांव में अब यह फैसला चर्चा का विषय बन गया है। लोग कह रहे हैं —

“जो चौपाल पर कानून अपने हाथ में लेते हैं, उनके लिए अब जेल का दरवाजा खुल गया है।”

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