रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को कोर्ट ने एक बार फिर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। 14 दिन की पिछली रिमांड समाप्त होने के बाद उन्हें सोमवार को विशेष कोर्ट में पेश किया गया था, जहां अगली सुनवाई की तारीख 18 अगस्त तय की गई।

ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को भिलाई स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दिन ही उनका जन्मदिन था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है, जो शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने पहले उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेजा था, जिसके बाद 22 जुलाई को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
ईडी की जांच में सामने आया है कि चैतन्य बघेल को इस घोटाले से करीब 16.70 करोड़ रुपये नगद प्राप्त हुए थे। उन्होंने इस रकम को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाया और नकद भुगतान व बैंक प्रविष्टियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की। इसके अलावा उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट में फर्जी फ्लैट खरीद के जरिए 5 करोड़ रुपये प्राप्त किए।
ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति के लेन-देन में भी अहम भूमिका निभाई। वे अनवर ढेबर सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर कांग्रेस कोषाध्यक्ष तक पीओसी (अवैध आय) पहुंचाने में शामिल थे।
इस घोटाले में अब तक कई प्रभावशाली नाम गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लों और कवासी लखमा जैसे नेता शामिल हैं। जांच अब भी जारी है।