Chhattisgarh latest news : मांझी मछुआरा आरक्षण की मांग ने पकड़ ली रफ्तार
Chhattisgarh latest news : बालोद ! छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से अब मांझी मछुआरा आरक्षण की मांग ने रफ्तार पकड़ ली है निषाद समाज सहित अन्य समाज जो मांझी मछुआरा आरक्षण संघ के बैनर तले खुद को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने की मांग कर रहे हैं राष्ट्रीय महासचिव शशिकांत निषाद ने कहा कि वर्ष 1950 तक हमें आदिवासी का दर्जा दिया जाता था और सारी सुविधाएं आरक्षण का सारा लाभ मिलता था परंतु 1950 के बाद इसे सामान्य कर हमें पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया अब हम पुणे इस आरक्षण की मांग कर रहे हैं यह एक शुरुआत है और आने वाले दिनों में हम अपनी मांगों को लेकर अपना आंदोलन तेज करेंगे।
सड़क से सदन तक लड़ेंगे लड़ाई
मछुआ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भारत मटियारा भी इस आरक्षण के आंदोलन में शामिल हुए उन्होंने कहा कि सड़क से लेकर सदन तक हम लड़ाई लड़ने को तैयार हैं उन्होंने कहा पिछले दिनों मंत्रीमंडल की बैठक हुई जहां कई विषयों पर चर्चा हुई जिसमें राज्यपाल के आदेश अनुसार मांझी शब्द के साथ केवट केवट धीवर ढीमर कर मल्लाह निषाद आदि मछुआ समुदाय जो मध्यप्रदेश शासन में मांझी अनुसूचित जनजाति वर्ग का प्रमाण पत्र जारी किया गया था है शामिल करने की बात कही जा रही है।
हजारों की संख्या में लोग रहे शामिल
मछुआरा समूह द्वारा अपने आरक्षण को लेकर बिगुल फूंक दिया गया है शिवकुमार धरम गुड़े ने बताया कि प्रदेश क्षेत्र वर्तमान में पूर्ववर्ती मध्य प्रदेश एवं वर्तमान छत्तीसगढ़ के अंतर्गत है जातियों की सूची देखने से यह स्पष्ट हो जाता है कि पुराने समय में मछुआरा नाविक जातियों तथा केवट मल्लाह भोई ढीमर मांझी को ही संवैधानिक आदेश 1950 के तहत मांझी का लाभ दिए जाने का निर्णय राष्ट्रपति महोदय द्वारा उसे समय राज प्रमुख व प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया तथा लाभ प्रदान किया जा रहा था और वह अपने समुदाय को ही इसका हकदार मान रहे हैं समाज का कहना है कि कोई ठोस निर्णय ले नहीं तो खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे।