Chhattisgarh Health Federation स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
Chhattisgarh Health Federation महासमुंद ! इन दिनों स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य बिगड़ा हुआ है। क्योंकि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन कर्मचारी संघ के बैनर तले महासमुंद जिले के लगभग 600 स्वास्थ्य कर्मचारी वेतन विसंगति, कोविड इंसेंटिव, अतिरिक्त कार्य अवकाश दिवस का भुगतान, आईपीएचएस सेटअप, हिंसात्मक गतिविधियों पर तत्काल एफआईआर कराने सहित 5 सूत्री मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं पर खासा असर देखने को मिल रहा है।
Chhattisgarh Health Federation बता दें कि इनके हड़ताल में 12 बड़े संगठन सीआईडीए, जेयूडीए, जेडीए, ईएमजी, यूडीएफए डॉक्टर एसोसिएशन, डेंटल सर्जन, छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ , नर्सिंगऑफिसर,एसोसिएशन , प्रदेश नर्सेज एसोसिएशन, परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ, एनएचएम संघ व वाहन चालक संघ शामिल है ।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन कर्मचारी संघ के हड़ताल पर चले जाने से मेडिकल कालेज , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र , प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र , उप स्वास्थ्य केन्द्र पर व्यापक असर पड़ा है। मेडिकल कालेज में गर्भवती महिलाएं डिलीवरी के लिए आ रही है, लेकिन डाक्टर , स्टाप नर्सो के हड़ताल पर चले जाने से ज्यादातर मामले ओपीडी से ही रिफर कर दिये जा रहे है। जिन गर्भवती महिलाओं को मेडिकल कालेज में एडमिट किया जा रहा है उनमें से भी 10 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को मेकाहारा रेफर किया जा रहा है।
जिससे मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है और मरीज के परिजन निजी अस्पताल का रुख कर रहे है और वे अधिक पैसा देकर निजी अस्पताल में इलाज कराने को मजबूर है । उदाहरण के तौर पर ग्राम बोरिद से एक गर्भवती महिला मेडिकल कालेज आई तो उसे रेफर कर दिया गया । उसके बाद महिला के परिजनों ने गर्भवती महिला को एक निजी अस्पताल में ले गये जहां आपरेशन डिलीवरी हुई, लेकिन बच्चा कमजोर होने के कारण उसे मेडिकल कालेज शिशु गहन चिकित्सा भेज दिया गया और मां अभी निजी अस्पताल में भर्ती है। इसी प्रकार बेमचा से एक गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए आई जिसे भर्ती तो कर लिया गया, पर एक घंटे बाद भी डाक्टर देखने नही आये।
मेडिकल कालेज के रिकार्ड के अनुसार ओपीडी में प्रतिदिन 45 गर्भवती महिलाएं आती है । पिछले दस दिनों में 450 गर्भवती महिलाएं आई । जिसमें से 98 को भर्ती किया गया और इनमें से 11 को रिफर कर दिया गया । जहां मरीज परेशान है ,वही अस्पताल प्रबंधन वैकल्पिक व्यवस्था के तहत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की बात कह रहे है।