Chhattisgarh High Court : प्रेम संबंध से पैदा हुए युवक को मिला जैविक पिता से सम्पत्ति का अधिकार

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Chhattisgarh High Court : पिता ने गर्भपात कराने कहा, लेकिन मां ने इनकार करते हुए मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई

Chhattisgarh High Court : बिलासपुर !  छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में रहने वाले युवक को उच्च न्यायालय बिलासपुर की युगल पीठ ने जैविक पिता से सम्पत्ति का अधिकार दिलाया है। युवक ने अपने जैविक पिता से भरण पोषण एवं उनके सम्पति में हक दिलाने परिवार न्यायालय में परिवाद लगाया था।


यहां सुनवाई के बाद मामला खारिज होने पर युवक ने उच्च न्यायालय में अपील की। जिसमें कहा गया कि उसके जैविक पिता और मां पड़ोस में रहते थे, दोनों के प्रेम संबंध से उसकी मां गर्भवती हो गई। पिता ने गर्भपात कराने कहा, लेकिन मां ने इनकार करते हुए मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई।

जिसके बाद नवंबर 1995 को लड़के का जन्म हुआ। वह अपनी मां के साथ रहा। मां ने स्वयं और बच्चे के भरण पोषण के लिए परिवार न्यायालय में प्रकरण लगाया। परिवार न्यायालय ने संपत्ति के अधिकारों की घोषणा वैवाहिक पक्ष के दायरे में न होने के कारण इसे बनाए रखने योग्य नहीं माना था। इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील की।

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Chhattisgarh High Court : इधर अप्रैल, 2017 में जब युवक बीमार पड़ गया। वित्तीय संकट के कारण वह जैविक पिता के घर गया और इलाज के लिए आर्थिक मदद मांगी तो उसने मना कर दिया। इससे नाराज होकर युवक ने पहले परिवार न्यायालय में सम्पत्ति का दावा पेश किया, जिसे पारिवारिक न्यायालय ने खारिज कर दिया, तो उच्च न्यायालय में इसकी अपील की गई। जहां न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी और न्यायमूर्ति रजनी दुबे की खंडपीठ में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने परिवार न्यायालय द्वारा दर्ज निष्कर्ष को खारिज कर दिया।

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युवक को दोनों का वैध पुत्र घोषित किया। साथ ही उसे पिता से मिलने वाले सभी लाभों का हकदार घोषित किया है।

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