Chattisgarh High Court : जेल में बंद कैदियों की पारिश्रमिक दर में वृद्धि
Chattisgarh High Court : बिलासपुर। जेल में बंद कैदियों के पारिश्रमिक को कम बताते हुए पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में पूर्व गृहमंत्री ने कैदियों की पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग की थी। साथ ही कहा था कि कैदिया की पारिश्रमिक से कई का परिवार चलता है। जेल में काम करने के बाद भी इतना पारिश्रमिक नहीं मिलता जिससे परिवार का समुचित भरण पोषण हो सके।
राज्य शासन ने हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच को पारिश्रमिक के संबंध में शासन द्वारा निर्णय लिए जाने की जानकारी दी। कुशल और अकुशल श्रेणी के कैदियों के पारिश्रमिक में 20 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। शासन के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने जनहित याचिका को निराकृत कर दिया है। अब जेल में बंद कुशल कैदियों को 100 व अकुशल कैदियों को 80 रुपए पारिश्रमिक दिया जाएगा।
जेल में सजा काट रहे कैदियों के पारिश्रमिक बढ़ाने के लिए पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने वर्ष 2022-23 में जनहित याचिका लगाई थी। जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में चल रही थी। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने शासन को जवाब देने का निर्देश दिया था। इसके लिए कोर्ट ने दो सप्ताह की मोहलत दी थी।
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Chattisgarh High Court : इस मामले की चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार ने जेल में बंद सजायाफ्ता कैदियों के पारिश्रमिक राशि बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। पूर्व में जेल में बंद सजायाफ्ता कुशल श्रेणी के कैदियों को 80 रुपए और अकुशल श्रेणी के कैदियों को 60 रुपए पारिश्रमिक दिया जाता था। अब कुशल श्रेणी में 100 रुपए और अकुशल श्रेणी में 80 रुपए दिए जाने का प्रस्ताव शासन ने तैयार किया है।