गरियाबंद जिले के नागाबुड़ा स्थित कृषक सूचना केंद्र में सरकारी लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के उद्देश्य से खरीदी गई करीब 7 लाख रुपये की कीटनाशक, जैविक खाद और फफूंदनाशक वर्षों तक बंद कमरे में पड़े-पड़े सड़ गए। सामग्री से दुर्गंध फैलने लगी, जिससे आस-पास के लोग परेशान हो गए। हालात बिगड़ने पर ग्राम पंचायत ने इन दवाओं को ट्रैक्टर में भरकर गांव से बाहर फिंकवा दिया।

उपसरपंच तोमस साहू ने बताया कि कई बार प्रशासन को शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह सामग्री कृषि विभाग द्वारा प्रदर्शनी योजना के तहत किसानों को निःशुल्क बांटी जानी थी, पर वितरण न होने से ये अनुपयोगी हो गईं।


वर्तमान ग्रामीण विस्तार अधिकारी तरुण कश्यप ने सफाई दी कि ये दवाएं उनके कार्यभार संभालने से पहले की हैं। कृषि उपसंचालक चंदन राय ने मीडिया से जानकारी मिलने के बाद जांच की बात कही है। यह मामला सरकारी योजनाओं की निष्क्रियता और संसाधनों की बर्बादी की गंभीर तस्वीर पेश करता है।