Chhattisgarh film and visual arts : “आठवें कथा समाख्या ” का आयोजन ओरछा में, युवा कथाकारों की कहानियों पर होंगी एकाग्र गोष्ठियाँ*
Chhattisgarh film and visual arts : रायपुर : छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी रायपुर और कथादेश पत्रिका दिल्ली का संयुक्त आयोजन “कथा समाख्या ” इस बार मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा में 28 से 30 अक्टूबर के बीच संपन्न होगा।
Chhattisgarh film and visual arts : इस आठवें कथा समाख्या में 6 महिला कहानीकारों की चयनित कहानियों पर देशभर से आने वाले कथाकार और आलोचक चर्चा करेंगे।
इसके पूर्व “कथा समाख्या ” का आयोजन छत्तीसगढ़ के सरगुजा, गुजरात के बड़ौदा, महाराष्ट्र के पुणे, छत्तीसगढ़ के बारनवापारा, राजस्थान के सवाई माधोपुर, उत्तर प्रदेश के बरेली, पीलीभीत तथा छत्तीसगढ़ के बस्तर में किया जा चुका है।
ओरछा में हो रहे आठवें कथासमाख्या के स्थानीय संयोजक कहानीकार और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तरुण भटनागर हैं
ये होंगे प्रतिभागी कथाकार
“कथा कामाख्या” के आठवें संस्करण में इस बार जयपुर, जोधपुर, भोपाल, रायपुर, गया और बीना के 6 युवा कथाकारों की कहानियों पर एकाग्र गोष्ठियाँ होंगी जिनमें इन युवा कथाकारों की जिन कहानियों को शामिल किया गया है उनमें
1. तुम्हारा रणबीर : उषा दशोरा (जयपुर)
2. माई चॉइस माई राइट : उज़्मा कलाम (जोधपुर)
3. कोई कहीं घर होता : श्रद्धा श्रीवास्तव (भोपाल)
4. सलवा जुडुम जारी है : सुमेधा अग्रश्नी (रायपुर)
5. दोबारा नहीं : ट्विंकल रक्षिता (गया)
6. ऐसा अंत : काव्या कटारे (बीना) शमिल हैं ।
ये वरिष्ठ कथाकार होंगे शामिल
ओरछा में आयोजित “कथा समाख्या ” के आठवें संस्करण में अनेक वरिष्ठ कथाकार उपस्थित रहेंगे। इनमें विशेष रुप से जितेंद्र भाटिया, शशांक, महेश कटारे, सत्यनारायण, वंदना राग, शम्पा शाह, तरुण भटनागर, अमिता नीरव, वैभव सिंह, प्रियम अंकित और रामकुमार तिवारी के नाम शामिल हैं।
पहले हो चुके 7 आयोजन
“कथा समाख्या ” के 7 संस्करणों का आयोजन इससे पहले भी हो चुके हैं इनमें से
कथा समाख्या-1 (2016)
28 फ़रवरी से 01 मार्च, 2016, सरगुजा, छत्तीसगढ़
विषय : कहानी का नवाचार
कथादेश, कथा-विमर्श और छत्तीसगढ़ फ़िल्म एण्ड विज़ुअल आर्ट सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में 28 फ़रवरी से 01 मार्च, 2016 के बीच मैनपाट, अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़ में हिंदी कहानी पर एकाग्र आयोजन ‘कथा समाख्या’ सम्पन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में कथाकार और कथा-आलोचकों ने कहानी विधा से सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा की। चर्चा मुख्यतः ‘कहानी का नवाचार’ विषय पर केंद्रित थी
इस तीन दिवसीय चर्चा की विशेषता थी कि इसमें पूर्णतः अनौपचारिक और मुक्त संवाद हुआ। बातचीत में हिंदी कहानी के सौ वर्ष से अधिक के इतिहास के दौरान तथा वर्तमान समय की कहानी में कथ्य और शैली के स्तर पर हुए प्रयोगों को रेखांकित करते हुए उनके संदर्भ में कहानी के विधागत विकास और उसकी परंपरा पर विचार किया गया ।
इस आयोजन में देश के प्रख्यात कथाकारों, संपादकों और आलोचकों ने भाग लिया। इनमें प्रमुख हैं हरि नारायण, मनोज रूपड़ा, जय प्रकाश, आनंद हर्षुल, रामकुमार तिवारी, आशुतोष, सुभाष मिश्र, त्रिलोक महावर, हरीचरण प्रकाश।
कथा समाख्या-2 (2017)
2-3-4 सितम्बर, 2017, बड़ौदा, गुजरात
विषय : कहानी में नव प्रयोग
बड़ौदा में संपन्न इस आयोजन में योगेन्द्र आहूजा, ओमा शर्मा, ह्रषीकेश सुलभ, आनंद हर्षुल, रामकुमार तिवारी, चरण सिंह पथिक, नारायण सिंह, आशुतोष और शशिकला राय ने भाग लिया।
इस आयोजन में उन कहानियों को रेखांकित किया गया जो कथ्य और शिल्प की दृष्टि नए प्रयोगों के माध्यम से हिंदी कहानी के क्षितिज का विस्तार करती हैं।
कथा समाख्या-3 (2018)
29 मार्च से 1अप्रैल, 2018, पुणे (महाराष्ट्र)
विषय : आज के सवाल और हिंदी कहानी : बदलते गांव की दास्तान
पुणे में कथा-समाख्या का तीसरा आयोजन 29 मार्च से 1अप्रैल के बीच सम्पन्न हुआ। समाख्या का केन्द्रीय विषय था― ‘आज के सवाल और हिंदी कहानी बदलते गांव की दास्तान।’ इस कार्यक्रम में चर्चा का स्वरूप पूरी तरह अनौपचारिक था।
तीन सत्रों में संपन्न हुई बातचीत में कथादेश के संपादक हरिनारायण, कथाकार शिवमूर्ति, महेश कटारे, नारायण सिंह, हृषीकेश सुलभ, देवेंद्र, आनंद हर्षुल, दीर्घ नारायण, आशुतोष के अलावा संस्कृति कर्मी सुभाष मिश्र और आलोचक जय प्रकाश ने भाग लिया।
कथा समाख्या-4 (2019)
1 से 3 मार्च, 2019, बारनवापारा (छत्तीसगढ़)
विषय : गाँव की कहानी
छत्तीसगढ़ के बार नवापारा अभ्यारण्य में कथा समाख्या का चतुर्थ आयोजन 1 से 3 मार्च, 2019 के मध्य संपन्न हुआ। इसमें हिंदी कहानी की ग्राम-केंद्रित धरा पर वूस्टर से विचार-विमर्श हुआ।
कार्यक्रम में, सत्यनारायण, मनोज रूपड़ा, अरुणेश शुक्ल,ह्रषीकेश सुलभ, रामकुमार तिवारी, आनंद हर्षुल, जय प्रकाश, सुभाष मिश्र, हरिनारायण, अरुणेश शुक्ल ने भागीदारी की।
कथा-समाख्या – 5 (2019)
11अक्टूबर से 13 अक्टूबर 2019, सवाई माधोपुर (राजस्थान)
विषय : कहानी में नवोन्मेष
इस आयोजन के पूर्व नए रचनाकारों की कहानियाँ आमंत्रित की गईं। उनमें से छह कहानियाँ चुनी गईं। चुनी गयी कहानियों में ‘आधे का पूरा एक हो जाना’ (अक्षत पाठक, बैतूल, मध्यप्रदेश), ‘न तुझे पता न मुझे पता’ (जगदीश सौरभ, बिलासपुर,
छत्तीसगढ़), ‘यूँ तो प्रेमी पिचहत्तर हमारे’ (दिव्या विजय, जयपुर), ‘महादान’ (सिनीवाली शर्मा, भागलपुर, बिहार), ‘बोझ’ (अभिषेक कुमार पांडेय, दिल्ली) और ‘आख़िरी अटेंप्ट’ (घनश्याम कुमार देवांश, दिल्ली) सम्मिलित हैं।
आयोजन में कथाकार जितेंद्र भाटिया, सत्यनारायण, हृषीकेश सुलभ, योगेंद्र आहूजा, आनंद हर्षु्ल और रामकुमार सिंह, आलोचक रविभूषण, हिमांशु पण्ड्या और जय प्रकाश तथा कथादेश के संपादक हरिनारायण ने भाग लिया। कार्यक्रम के स्थानीय संयोजक कथाकार सत्यनारायण और कवि विनोद पदरज थे।
कथा-समाख्या – 6 (2020)
29 फ़रवरी से 2 मार्च, 2020 , बरेली-पीलीभीत (उत्तरप्रदेश)
विषय : कहानी में गढंत
कथा-समाख्या का छठवाँ आयोजन बरेली और पीलीभीत में 29 फ़रवरी से 2 मार्च, 2020 को आयोजित हुआ जिसमें कहानी में गढंत विषय पर विचर-विमर्श हुआ।
इसमें भालचन्द्र जोशी, योगेंद्र आहूजा, नवीन कुमार नैथानी, प्रियम अंकित, शशिभूषण द्विवेदी, प्रियदर्शन मालवीय, रामकुमार तिवारी, आनंद हर्षुल, सुभाष मिश्र, हरिनारायण, सुकेश साहनी ने भाग लिया।
कथा समाख्या-7
12, 1से 14 नवम्बर, 2021, बस्तर, छत्तीसगढ़
विषय : कहानी में नवोन्मेष
इस कार्यक्रम में बस्तर के चितरकोट और जगदलपुर में गोष्ठियाँ हुईं जिनमें युवा कथाकारों की कहानियों पर चर्चा हुई। इसके अंतर्गत सहिया (मिथिलेश प्रियदर्शी), सेंध (श्रीधर करुणानिधि), बारिश (उमेश चरपे}, कितरेत्सु, बूटा गोरिल्ला और
टोंगरी (माधव राठौड़), बेकार लोगों की कहानी (विवेक आसरी) पर सत्यनारायण, योगेंद्र आहूजा, देवेंद्र, ओमा शर्मा, त्रिलोक महावर, प्रियदर्शन मालवीय, रामकुमार तिवारी, जय प्रकाश, आनंद हर्षुल और हरिनारायण ने विचार-विमर्श किया।