दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी-जुकाम की सिरप देने पर छत्तीसगढ़ में पूरी तरह रोक

नई दिल्ली/रायपुर। केंद्र सरकार की एडवाइजरी के बाद छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा कदम उठाते हुए दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी या सर्दी-जुकाम की सिरप देने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला छोटे बच्चों में दवा से होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसी दवाएं सामान्य रूप से पांच साल तक के बच्चों के लिए भी सुरक्षित नहीं मानी जातीं। हाल ही में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को चेतावनी जारी की थी। सिरप में हानिकारक रासायनिक तत्व मिलने की पुष्टि के बाद कई राज्यों में इसकी बिक्री रोक दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए सख्त निर्देश
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जनों को आदेश जारी कर कहा है कि इस निर्देश का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में किसी भी बच्चे को डॉक्टर की सलाह के बिना खांसी-जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए।

आयुक्तालय स्वास्थ्य सेवाएं ने उच्चस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस में जिलास्तरीय अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी राज्यभर में औषधि निर्माण इकाइयों और फार्मेसियों की जांच शुरू कर दी है।

फार्मेसियों पर निगरानी और जागरूकता अभियान
औषधि निरीक्षकों को दवा दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग आम जनता को भी जागरूक कर रहा है कि बिना चिकित्सक की सलाह के किसी भी शिशु को सिरप या खांसी की दवा न दी जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में सामान्य खांसी-जुकाम प्रायः बिना दवा के भी ठीक हो जाता है, इसलिए ऐसी दवाओं से बचना ही बेहतर है।

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