Chhattisgarh Chamber of Commerce : छत्तीसगढ़ चेंबर का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी को राज्य के आगामी बजट के सम्बंध में सुझाव हेतु सौपेगा ज्ञापन

Chhattisgarh Chamber of Commerce : छत्तीसगढ़ चेंबर का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी को राज्य के आगामी बजट के सम्बंध में सुझाव हेतु सौपेगा ज्ञापन

Chhattisgarh Chamber of Commerce : छत्तीसगढ़ चेंबर का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी को राज्य के आगामी बजट के सम्बंध में सुझाव हेतु सौपेगा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ चेंबर प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के वाणिज्य कर मंत्री टी एस सिंहदेव जी को जीएसटी के सम्बंध में सुझाव हेतु सौपेगा ज्ञापन

Chhattisgarh Chamber of Commerce : खरसिया – छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन

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Chhattisgarh Chamber of Commerce : अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी परिषद् को सुझाव देने तथा छत्तीसगढ़ राज्य के आगामी बजट हेतु आज दिनांक 28–11–2022 को चेम्बर भवन में छत्तीसगढ़ के व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही

कानूनी और तकनीकी परेशानियों के सम्बंध में सुझाव हेतु विभिन्न व्यापारिक संगठनो एवं पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई।

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बैठक में चेम्बर की तरफ से जीएसटी टेक्नीकल टीम के संयोजक सी ए मुकेश मोटवानी तथा जीएसटी के वरिष्ठ सलाहकार सतीश तवानिया प्रमुख रूप से उपस्थित थे जिनके द्वारा व्यापारियों तथा व्यापारिक

संघों के प्रमुखों द्वारा पूछे गए सवालों एवं समस्याओं को सुनकर जीएसटी के सुझावों की सूचि में शामिल किया ।

चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने बैठक में उपस्थित व्यापारी तथा व्यापारिक संघों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए जीएसटी से संबंधित प्रावधानों,नियमो तथा कानूनों के प्रति जागरूक किया।

पारवानी ने कहा कि पिछले 5 सालों में 15 सौ बार जीएसटी के प्रावधानों में बदलाव होने के बाद भी व्यापारियों की परेशानियाँ बढती जा रही है।

इज ऑफ डूइंग बिजनेस के इतर आज व्यापार करना और टैक्स रेट को समझना बहुत ही मुश्किल हो चला है।
पारवानी ने आगे कहा कि जीएसटी के संबंध में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर परिभाषित हो। बैठक में ईवेय बिल, इनवॉइस, कंपलाइनसेस बर्डन आदि पर प्रकाश डाला गया।

व्यापारियों को फेक इनवॉइस से होने वाली परेशानी संबंधी जानकारियां दी गई। मुकेश मोटवानी द्वारा बताया गया की किस तरह से व्यापारियों को हो रहे टेक्निकल परेशानियों को सरकार के सामने रखा जाता है।

जीएसटी कंसलटेंट सतीश तवानिया जी ने व्यापार में इनपुट, आउटपुट तथा एडमिनिस्ट्रेशन की अवधारणा से व्यापारियों को अवगत कराया। 2B फॉर्म से संबंधित जानकारी दी।

उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक अग्रवाल, प्रदेश मंत्री सुनील शर्मा खरसिया इकाई अध्यक्ष रामनारायण सोनी सन्टी ने जीएसटी के सम्बंध में सुझावों को लेकर बताया कि चैम्बर का प्रतिनिधिमंडल

प्रदेश के वाणिज्य कर मंत्री  टी एस सिंहदेव, सेन्ट्रल जीएसटी कमिश्नर, स्टेट जीएसटी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपेगा तथा केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को भी भेजा जायेगा।

जिसमे प्रमुख रूप से सुझाव निम्न हैं:-
• विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए
• एक ही लेनदेन पर दो दो बार ब्याज
• RCM संबधित प्रावधान
• इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने
• जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान को बदलने बाबत
• स्टेशनरी वस्तु “पेन“ पर जीएसटी में वृद्धि बाबत
• नियम 86 बी- Restriction of ITC to 99%
• पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर प्रतिबन्ध
• नियम 21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण
• ई-इनवॉइसिंग के 1 अक्टूबर 2022 से रु.10 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस लेने बाबत
• E- Invoicing की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए
• ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती
• माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं
• छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेन एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत्
• जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव
• ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हे
• जीएसटी का रजिस्ट्रेशन संरेडर करने बाबत
• रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याए।

छत्तीसगढ़ राज्य बजट में व्यापारियों द्वारा यूजर चार्ज, मंडी शुल्क, संपत्ति कर, वाणिज्यिक बिजली में छोटे व्यापारियों को राज्य सरकार द्वारा छूट देने की मांग की तथा नियमितीकरण नियमों में व्यावसायिक क्षेत्र के अतिरिक्त निर्माण को भी शामिल किया जाए।

कुछ व्यापारियों ने जीएसटी के जटिल प्रारूप को ही निरस्त करने की मांग करते हुए प्रदेश बंद जैसे कठोर निर्णय लेने की बात कही और जीएसटी के कारण व्यापर में बढ़ रहे लेखांकन खर्च सम्बन्धी परेशानियों को

भी सामने रखा साथ ही व्यापारी संघों द्वारा प्रमुख रूप से ट्रांसपोर्ट संघ, सायकल मर्चेंट एसोसिएशन, रायपुर बेकरी एसोसिएशन, पंडरी कपडा मार्किट एसोसिएशन एवं विभिन्न चेंबर पदाधिकारियों द्वारा बैठक में कर प्रणाली सरल और सुगम करने हेतु निम्न सुझाव दिए गए।

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