छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज हो गया है. खाद और राजस्व भर्ती परीक्षा में अनियमितता को लेकर सदन का माहौल गर्म हो गया. विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के सदस्य ने भी सरकार से तीखे सवाल पूछे. प्रदेश में डीएपी कमी,भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया.

डीएपी की मांग को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया और सवालों की बौछार की. विपक्ष ने सरकार को किसान विरोधी बताया.
वहीं भाजपा विधायक राजेश मूणत ने राजस्व विभाग की परीक्षा में अनियमितता का मुद्दा उठाया. इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब देते हुए भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी स्वीकार की और बताया कि पाँच सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में अनियमितताएं प्रमाणित हुई हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) को 40 बिंदुओं पर जांच सौंपी गई है. प्रश्नकाल के दौरान जब मूणत ने गड़बड़ी के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया, तो विपक्ष भड़क गया और जोरदार नारेबाजी करने लगा। कांग्रेस विधायकों ने जोर देकर कहा कि परीक्षा तो मौजूदा सरकार में ही जनवरी 2024 में आयोजित हुई थी, ऐसे में पिछली सरकार पर दोषारोपण गलत है.
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया कि EOW जांच के आदेश किसके द्वारा दिए गए? इसके जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने स्पष्ट किया कि विभाग ने स्वयं जांच का निर्णय लिया.
सदन का माहौल तब और गरमा गया जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले की CBI जांच की मांग की. आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन किया.
सदन की कार्यवाही से पहले पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त और पूर्व मंत्री डॉ. सुरेंद्र बहादुर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने दोनों दिवंगत नेताओं को याद करते हुए शेखर दत्त को “बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी” बताया.

नेताओं ने व्यक्त किए श्रद्धासुमन
– मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा – “शेखर दत्त जी ने सेना, और राज्यपाल के रूप में देश व प्रदेश की सेवा की। उनका योगदान अविस्मरणीय है।”
– पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा – “वे बड़े पदों पर रहे, लेकिन उनके व्यवहार में कभी अहंकार नहीं आया। उनका जाना अपूरणीय क्षति है.”