राजकुमार मल
Chhattisgarh चमक और वजन बढ़ाने की कोशिश पड़ी महंगी
Chhattisgarh बलौदाबाजार-भाटापारा- कृत्रिम चमक और कृत्रिम वजन बढ़ाकर उड़द की दाल बेचने की कोशिश इतनी महंगी पड़ेगी, सियाराम ने कल्पना भी नहीं की होगी। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी न्यायालय ने इस मामले में संस्थान संचालक को 8 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
Chhattisgarh खाद्य सामग्रियों में मिलावट रोकने के प्रयास में पहली सफलता भाटापारा में मिली है। 3 बरस पूर्व खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने यहां की मेसर्स सियाराम दाल मिल में दबिश देकर प्रतिबंधित सोप स्टोन पाउडर की बड़ी मात्रा पकड़ी थी। इसके साथ ही कंकड़ मिश्रित उड़द की दाल भी जब्त की थी। इस मामले में ताजा फैसला को ऐन सीजन के समय बड़ा झटका माना जा रहा है लेकिन यक्ष प्रश्न यह है कि क्या ऐसी अवांछित कारोबारी गतिविधियों पर रोक लगेगी ?
यह था मामला
Chhattisgarh सियाराम दाल मिल। सूरजपुरा रोड पर संचालित भाटापारा की इस दाल मिल में 29 मई 2019 की दोपहर खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमेश वर्मा के नेतृत्व में छापा मारा था। गहन जांच में ब्रांड सफेद मोती पालिश पावडर की 330 बोरी और भारत ब्रांड का पालिश पावडर 290 बोरी का भंडारण किया जाना पाया गया। सूक्ष्मता से की गई जांच में 1000 बोरी उड़द दाल में कंकड़ का मिश्रण किया जाना पाया गया। प्रशासन की स्टेट लेबोरेटरी में हुई जांच में अखाद्य सामग्री की मिलावट, खाद्य सामग्री में किए जाने की पुष्टि भी हो गई।
तीन साल चार माह बाद फैसला
Chhattisgarh 29 मई 2019 को प्रकाश में आए इस मामले को फैसले तक पहुंचने में तीन साल, चार माह का समय लगा। न्यायालय अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी राजेंद्र गुप्ता ने दोनों पक्षों की ओर से रखे गए तर्क को सुनने के बाद यह पाया कि खाद्य प्रसंस्करण इकाई परिसर में अखाद्य सामग्री का भंडारण नियम विरुद्ध है। न्यायालय ने जो फैसला सुनाया है उसके मुताबिक मेसर्स सियाराम दाल मिल,सुरजपुरा, भाटापारा के संचालक सुरेश खत्री पिता स्व. सी एम खत्री को अवांछित व्यापारिक गतिविधियों मे संलिप्त पाने पर आठ लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
क्या है सोप स्टोन पावडर
Chhattisgarh उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और राजस्थान की खदानों से निकलने वाले सोप स्टोन पावडर की प्रकृति बेहद नर्म होती है। इसलिए इसका उपयोग टेलकम पावडर और टूथपेस्ट इकाइयां करतीं हैं। इसके अलावा ब्लैक स्टोन बेचने वाली इंडस्ट्रीज भी चिकनाई के लिए बड़ी मात्रा में खरीदी करतीं हैं। चिकनाई और चमक के इस गुण ने सोप स्टोन पाउडर की पहुंच खाद्य पदार्थ बनाने वाली इकाइयों तक आसान कर दी।
जब्त सामग्रियों का निपटान ऐसे
Chhattisgarh भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियमों के अनुसार जब्त उड़द दाल को साफ करने के बाद ही विक्रय की अनुमति होगी। सीज की गई सोप स्टोन पाउडर की पूरी मात्रा, पर्यावरण प्रदूषण निवारण मंडल के नियमानुसार नष्टीकरण की जाएगी। इस दौरान मंडल और प्रशासन के सक्षम अधिकारियों की मौजूदगी रहेगी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इसकी तैयारी चालू कर दी है।
Chhattisgarh चमक और वजन बढ़ाने की कोशिश पड़ी महंगी, लगा आठ लाख का जुर्माना