Chhattisgarh : देवी माँ की प्रतिमा उखाड़ने वालों पर हो कड़ी कार्यवाही – डॉ देवेंद्र माहला

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Chhattisgarh देवी माँ की प्रतिमा उखाड़ने वालों पर हो कड़ी कार्यवाही – डॉ देवेंद्र माहला

Chhattisgarh भानुप्रतापपुर। छतीसगढ़ में आज कल आये दिन साम्प्रदायिक मामले देखने को मिल रहे हैं। मोहला मानपुर – अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम सरखेड़ा में मंदिर में स्थापित देवी प्रतिमा को कुछ उपद्रवियों व शरारती तत्वों द्वारा उखाड़ कर जला दिया गया। मामला अब तूल पकड़ने लगा है आस्था पर चोट खाए लोगों द्वारा थाने में नामजद शिकायत कराया गया है परन्तु पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज किया गया।

पहले भी मोहला मानपुर क्षेत्र में ऐसी घटनाएं कुछ लोगों द्वारा की जाती रही है। कुछ स्थानीय अलगाववादी नेताओं के द्वारा कुछ समय से हिन्दू देवी देवताओं पर टिपण्णी एवं उनके रीति रिवाजों का विरोध किया जा रहा है। मामले पर अखिल भारतीय हल्बा हल्बी आदिवासी समाज 36गढ़ केंद्रीय महासभा ने संज्ञान लेते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।

समाज के 36गढ़ केंद्रीय महासभा अध्यक्ष डॉ देवेंद्र माहला ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में बेधड़क धार्मिक टिप्पणियां की जा रही है और हद तो तब हो जाती है जब देवी की मंदिर में स्थापित प्रतिमा को कुछ उपद्रवियों द्वारा उखाड़ कर जला दिया जाता है। आखिर छत्तीसगढ़ में हो क्या रहा है।

हमारा वनांचल क्षेत्र मोहला मानपुर एवं बस्तर का क्षेत्र काफी शान्त क्षेत्र था पर आज यहां बिल्कुल भी विपरीत परिस्थिति है। थाने से मात्र कुछ दूरी पर स्थित सरखेड़ा ग्राम में अगर इस प्रकार का कृत्य किया जा सकता है मतलब दूर दराज के आंतरिक क्षेत्रों में तो स्थिति और भी खराब होगी। यह क्षेत्र देवी देवताओं को मानने वाला क्षेत्र है यहां सभी वर्गों को अपने अपने देवी देवताओं को मानने व पूजने का पूर्ण अधिकार है पर कुछ संकुचित मानसिकता के लोगों द्वारा किया गया यह कृत्य क्षेत्र की शांत क्षवि को धूमिल करता है।

देवी माँ की प्रतिमा के साथ ऐसा कृत्य अशोभनीय है, जो जो व्यक्ति या संस्था इसके जिम्मेदार हों उनपर तत्काल दंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए। क्षेत्र में उपद्रवियों एवं विध्वंसकारी मानसिकता के कुछ लोगों द्वारा कुछ समय से इस प्रकार के कार्य लगातार किये जा रहे हैं और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। आखिर इतना सब हो जाने के बाद भी पुलिस का या प्रशासन का ग्राम में न जाना अनेकों सवालों को जन्म देता है।

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कहा भी जा रहा है कि राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस मामले को दबाने का प्रयाश कर रही थी अगर यह वास्तविक बात हुई तो ऐसे करने वाले अधिकारियों पर भी कार्यवाही निश्चित ही की जानी चाहिए। आगे डॉ माहला ने कहा कि अगर हमारे शांत वनांचल क्षेत्र में पुनः इस प्रकार के कृत्य किये जाते हैं तो अखिल भारतीय हल्बा हल्बी आदिवासी समाज ऐसे लोगों व संस्था के खिलाफ आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

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