नारायणपुर। कभी नक्सल आतंक और डर के लिए कुख्यात अबूझमाड़ अब बदलती तस्वीर का गवाह बन रहा है। वर्षों तक बंदूक की नोक पर जीने वाले लोग आज त्योहारों को उत्साह से मना रहे हैं। सरकार के नक्सल उन्मूलन के प्रयास और सुरक्षा बलों की सतत मौजूदगी ने यहां भरोसा और सुरक्षा का माहौल बनाया है।

इस बदलाव की झलक रक्षाबंधन के पर्व पर साफ दिखी, जब सोनपुर, डोड़रीबेड़ा, होरादी, गारपा समेत कई गांवों की महिलाएं और बालिकाएं पुलिस कैंप पहुंचकर जवानों की कलाई पर राखी बांधने आईं। जवानों ने भी हर परिस्थिति में उनकी रक्षा का वादा किया।
सीमा सुरक्षा बल न केवल नक्सल मोर्चे पर डटा है, बल्कि सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में भी सक्रिय है। अबूझमाड़ के गांवों में अब त्योहारों की रौनक, ढोल-नगाड़ों की आवाज और भाईचारे की भावना ने डर और सन्नाटे की जगह ले ली है।