Champa station road became fatal : चांपा स्टेशन रोड हुआ जानलेवा, साल भर पहले बना था लाखों रुपए से चपाती जैसा काम चलाऊ रोड
राहगीर भगवान भरोसे,जिम्मेदारों ने मुंद ली अपनी कीमती आंखें
कोसा कासा कंचन की नगरी चांपा की विकास रथ यात्रा की बदहाल तस्वीर यदि देखनी है तो राष्ट्रीय राजमार्ग 49पर निर्मित सड़कों का निर्माण किस तरह से शासन में बैठे जिम्मेदार लोगों के द्वारा कराया जाता है इसका ज्वलंत उदाहरण नगर के
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स्टेशन रोड का अवलोकन किया जा सकता है, यहां स्पष्ट कर दें कि इस रोड का कायाकल्प ठीक साल भर पहले इसी बरसात के दिनों में लाखों रुपए खर्च कर चपाती की सीरत जैसी पतली रोड का निर्माण कर आम जनता को बड़ी कीमती
सौगात सौंप दिया गया था जिसे लेकर हमने अपने चैनल में यह न्यूज़ को प्राथमिकता के आधार पर लगाया था और यह लाखों रुपए में बना हुआ चपाती की तरह पतली रोड 3 माह में ही इसके परखच्चे उड़ने लगे थे जो जैसे तैसे चलता रहा
लेकिन जैसे ही बरसात की पहली फुहार पड़ने लगी यह रोड बद से बदतर होता चला गया और आज समाचार लिखे जाने तक इस रोड में पैदल राहगीर भी चल कर अपने आप को सुरक्षित नहीं रख पाए रह पाएगा ऐसी स्थिति में बाइक सवार
अथवा आटो में आने जाने वालों का क्या दशा होगा समझा जा सकता है, सभी सुधि पाठक इस बात से भलीभांति अवगत हैं कि चांपा स्टेशन रोड की जो तस्वीर इन दिनों उभरी हुई है वह कितना बदनुमा और जानलेवा बन चुका है,ऐसी स्थिति में भी
इसका सुध लेने वाला कोई नहीं है इस स्टेशन रोड में चलने वाला प्रत्येक व्यक्ति महासागर में हिचकोलो से भी ज्यादा हिचकोले खाने को विवश हो रहा है,आखिरकार शासन प्रशासन में बैठे हुए जिम्मेदार लोग क्यों जनता को उग्र होने का
इंतजार करते हैं,,,,? यह बात समझ से बाहर है आखिरकार जब आम लोगों के द्वारा आवाज उठाया जाता है सभी अधिकारियों को क्यों होश आता है,क्यों नहीं आम जनता के द्वारा आवाज उठाने के पहले ही इस तरह की समस्या का
समाधान कर दिया जाता तो फिर आम जनता को उग्र धरना प्रदर्शन करने की जरूरत ही क्या होती, साल भर पहले ऑटो चालक संघ सहित अन्य जनहित में कार्य करने वाले समूह द्वारा जमकर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया था तब
जाकर लोक निर्माण विभाग सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों ने संज्ञान लिया और चपाती की तरह पतली रोड बनाकर जनता को धोखा देने के लिए समर्पित कर दिया, क्या अब भी पहले जैसी किसी धरना प्रदर्शन अथवा आंदोलन का इंतजार जिम्मेदारों के द्वारा किया जा रहा है,भगवान ना करे किसी निर्दोष व्यक्ति
राष्ट्रीय राजमार्ग के जानलेवा गड्ढे पर दुर्घटना का शिकार होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।