बाराद्वार/ ग्राम पंचायत अकलसरा में प्रस्तावित डोलोमाइट उत्खनन के लिये शुक्रवार को पर्यावरण स्वीकृति के लिये रखी गई , जन सुनवाई का ग्रामीणों ने जोरदार विरोध किया। उन्होंने दो-टूक कहा कि जान दे देंगे पर लोगों की जिंदगी के साथ किसी तरह का समझौता नही करेंगे।
बाराद्वार के आसपास करीब 15 किलोमीटर के क्षेत्रफल में स्थापित अनेकों क्रशर प्लांट एवं डोलोमाइट खदानों से जुड़ा ग्रामीणों का अब तक का अनुभव अच्छा नही रहा है। उन्हें हमेशा से छला गया है , उद्योगपतियों ने विकास के सपने दिखाकर उन्हें प्रदूषण की मार झेलने को मजबूर किया है। इस बीच शुक्रवार को ग्राम अकलसरा में मेसर्स अकलसरा डोलो माइट क्वारी के लिये 1.884 हेक्टेयर क्षेत्रफल में डोलोमाइट उत्खनन हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति के संबंध में भारी पुलिस बल की उपस्थिति में जनसुनवाई की गई।
ग्रामीणों ने प्रस्तावित डोलोमाइट उत्खनन परि योजना का जोरदार ढंग से विरोध किया , उनका कहना है कि पूंजी पतियों ने हमेशा से ग्रामीणों को धोखा दिया है। ग्राम अकलसरा के एक रिटायर्ड शिक्षक रामरतन चंद्रा ने डोलोमाइट उत्खनन से ग्रामीणों की जिन्दगी पर पड़ने वाले बुरे असर पर विस्तार से बातें रखी और जनसुनवाई का जोर दार ढंग से विरोध किया। अकलसरा के ही मजदूर नेता गनपत चौहान ने ग्रामीणों की ओर से अपनी बात रखते हुए कहा कि खदान खुलने से ग्रामीणों को प्रदूषण की भारी मार झेलनी पड़ेगी , जिसका सीधा दुष्प्रभाव उनके जीवन पर पड़ेगा अर्थात ग्रामीणों को टीबी , सिलकिन तथा सांस से जुड़ी अनेक गंभीर बीमारियों से जूझना होगा।
श्री चौहान ने कहा कि खदान में चट्टानों को तोड़ने के लिए हैवी ब्लास्ट और जिलेटिन के प्रयोग से आसपास का क्षेत्र दहल उठेगा। यही नही ब्लास्टिंग से उठने वाले धुंआ और प्रदूषण के गुबार से किसानों की फसल बर्बाद होगी , जमीन बंजर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ख़दान खुलने से ओवर लोड भारी वाहन दौड़ने लगेंगे जिससे सड़कों की दुर्दशा हो जाएगी , साथ ही दुर्घटना ग्राफ बढेगा। मजदूर नेता ने दो टूक कहा कि किसी भी स्थिति में खदान नही खुलने दी जाएगी , इसके लिये हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। इसी तरह अनेक ग्रामीणों ने जनसुनवाई का खुलकर विरोध किया। भाजपा नेता अनुभव तिवारी , डॉ चोलेश्वर चंद्राकर आदि बहुत से लोगों ने खदान खुलने का जोरदार खिलाफत की।
ग्रामीणों में आक्रोश , लिखित में भी आपत्तियां
अकलसरा के ग्रामीणों में डोलोमाइट खदान खोलने के लिये की गई पर्यावरण जनसुनवाई को लेकर आक्रोश है। ग्रामीणों ने मौखिक एवं लिखित आवेदन देकर पीठासीन अधिकारी के समक्ष आपत्तियां की है। उनका कहना है कि पूंजीपतियों ने लुभावने वायदे कर हमेशा छला है , वे अब उनके बहकावे में नही आने वाले। जनसुनवाई में आपत्ति दर्ज कराने वालों में सरकार सिंह सिदार (भूपूसरपंच )राम रतन चंद्रा (सेवा निवृत्त शिक्षक)महेंद्र नेताम (जनपदसदस्य)जगदीश प्रसाद चंद्रा (उपसरपंच प्रतिनिधि)जगदीश चंद्रा बसंत यादव भोले चंद्रा ललित सिदार श्यामलाल सिदार चक्रधर दीवान त्रिभुवन सिदार त्रिपन सिदार राधेश्याम राज राधे यादव रामाधीन यादव मनसा यादव मूरीतराम यादव कृष्णचंद चंद्रा चैतराम चंद्रा गंगाराम चंद्रा छोटे लाल चंद्रा राजेश सिदार पुष्पेंद्र नेताम रोशन नेताम रंजीत सिदार भोला यादव रघु सिदार गणेश राम , आत्माराम सिदार,नीलसिंह सिदार, छेदीलाल सिदारआदि प्रमुख रूप से शामिल थे।