CG News: नगर पंचायत के द्वारा 21 अक्टूबर को मैनुअल पद्धति निविदा आमंत्रण सूचना जारी कर दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया है। निविदा आमंत्रण 15वें वित्त आयोग एवं अधोसंरचना योजनान्तर्गत विभिन्न विकास कार्यों हेतु एकीकृत पंजीयन प्रणाली अंतर्गत सक्षम श्रेणी में पंजीकृत फर्म/एजेंसी/ठेकेदारों से मुहरबंद निविदा केवल स्पीड पोस्ट के माध्यम से आमंत्रित किया गया है। उक्त जारी निविदा आमंत्रण सूचना में कई कमी, त्रुटि और फर्जीवाड़ा किये जा ई सहित पूर्ण कार्यों क़े लिए पुनः टेंडर करने की शिकायत क्षेत्रीय विधायक श्री मती सावित्री मनोज मंडावी क़े द्वारा जिलाध्यक्ष कलेक्टर को करते हुए निविदा में जारी सभी कार्यों की जाँच करने की मांग की। विधायक द्वारा दिए गए शिकायत पत्र ज्ञापन में बताया की नगर पंचायत चारामा क़े द्वारा 21 अक्टूबर को जो टेंडर निकाला गया, उसमे कार्य कमांक 02 जिसमे वार्ड क्रमांक 03 टीकू साहू घर से किशन देवांगन घर तक आर सी सी नाली निर्माण, क्रमांक 05 में वार्ड क्रमांक 13 में साहू सदन से भिरौद रोड की ओर फुटपाथ निर्माण कार्य, कमांक 12 मे वार्ड कमांक 06 मे दुर्गा मंदिर के पास आर सीसी कन्वर्ट पुलिया निर्माण कार्य, कमांक 16 मे वार्ड कमांक 09 दशहरा मैदान में हाईमास्ट लाईट की स्थापना कार्य, कमांक 19 में वार्ड क्रमांक 01 लक्ष्मी साहु एव वार्ड कमांक 11 सदर बाजार होटल के पास आर सीसी नाली निर्माण एंव कमांक 23 में वार्ड कमांक 13 मे मुक्तिधाम मे चबुतरा सह शेडनिर्माण कार्य उल्लेखित किया गया हैँ. जबकि ये सभी kकार्य निविदा पूर्व कार्य किया जा चुका है। जिसका फर्जी भुगतान हेतु निविदा लगाया गया है। उक्त स्थल का भौतिक सत्यापन कराया जावे।
वही कार्य कमांक 01 मे वार्ड क्रमांक 05 में अटल परिसर सीीपना कार्य, कार्य कमांक 11 बाजार चौक में डाई मास्ट लाईट स्थापना कार्य, एंव कार्य कमांक 26 मे वार्ड कमांक 15 मे स्कुल के पास शेड निर्माण कार्य दर्शित है, जबकि ई सभी कार्य में निर्माण कार्य क़े लिए स्थल नही होने के कारण कार्य किया जाना संभव ही नही है। जिसमे गलत तरीके से राशि का दुरूपयोग किया जाना प्रतीत होता हैं। वही
कार्य कमांक 28 नगर के विभिन्न वार्ड मे विद्युत पोल विस्तार कार्य, कार्य कमांक 29 में वार्ड क्रमांक 01 से वार्ड कमांक 03 कार्य कमांक 30 में वार्ड कमांक 06 से वार्ड क्रमांक 08 और कार्य कमांक 31 में वार्ड कमोंक 13 से वार्ड क्रमांक 15 तक विद्युत पोल विस्तारी हेतु 72 नग विद्युत ट्युबलर पोल विस्तारणीकरण उल्लेखित है जो पूर्ण रूप से राशि 124.08 लाख रू. का फर्जी कार्य है। प्रति नग ट्युबलर पोल की कीमत (लागत) औसतन 15-20 हजार रू. होता है। जिसे प्रति पोल 1,50,000.00 रू. बढाकर गलत तरीके से ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए निविदा करायी जा रही है जबकि यह राशि नियमानुसार विद्युत विभाग को दिया जाना चाहिए ताकि विद्युत विभाग से गुणवत्ता पूर्वक उक्त कार्य कराया जा सकेगा।
4. कार्य कमांक 16 में वार्ड क्रमांक 09 दशहरा मैदान में हाई मास्ट लाइट स्थापना कार्य उल्लेखित किया गया हैँ, जबकि उक्त कार्य निविदा पूर्व किया जा चुका है तथा इसका लोकार्पण भी दशहरा क़े दिन हो चुका है जिसका फर्जी भुगतान हेतु निविदा लगाया गया है जो कार्य पूर्ण उपरांत निविदा लगाना नियम विरूद्ध है जिसका स्थल
परीक्षण/जॉच करायी जावें। जिसका दैनिक समाचार पत्र में खबरें भी प्रकाशित किया गया है।
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माननीय विधायक महोदय के अनुसंशा अनुसार कार्यालय कलेक्टर (जिला योजना एवं सांख्यिकी) जिला-उ.ब. कांकेर के आदेश कमांक/723/कले. / जि.यो.सां./विधा. निधि/2023-24 कांकेर दिनांक 04.10.2024 के तहत स्वीकृति कार्य सामुदायिक भवन निर्माण सोनकर पारा चारामा स्वीकृत राशि 5.00 लाख रू., सामुदायिक भवन निर्माण रामसत्ता चौक के पास स्वीकृत राशि 5.00 लाख रू. एवं सामुदायिक भवन जिर्णोद्वार कार्य वार्ड कमांक 02 राजमिस्त्री पारा स्वीकृत राशि 2.00 लाख रू. जिसकी प्रथम किस्त राशि 6.00 लाख रू. आबंटित हो चुका है उसके बावजुद उक्त कार्यों को जानबुझकर निविदा में शामिल नही किया गया है। ताकि आम नागरिकों में मेरे प्रति आक्रोश बढे और उनकी लोकप्रियता कम हो,ऐसी मानसिकता के साथ मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत चारामा द्वारा राजनीति कराया जा रहा है। इस प्रकार सोची-समझी मानसिकता के आधार पर विधायक मंद अंतर्गत स्वीकृत कार्य को निविदा में शामिल नहीं किया गया है, जबकि उक्त कार्यों की स्वीकृति निविदा जारी दिनांक से पहले हो चुकी है, जिस प्रकार मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा उच्च कार्यालय से प्राप्त आदेश निर्देशों का पालन न कर उल्लंघन किया जा रहा है। उक्त कार्यों को निविदा में शामिल नही करने के संबंध में आवश्यक जॉच / परीक्षकण करायी जावे तथा संबंधित के विरूद्ध कडी कार्यावाही करायी जावें।
वही जारी निविदा शर्तों के कंडिका क्रमांक 6 के उपखंड 10 में निविदा जारी से पांच साल के अंतराल का अनुभव प्रमाण पत्र शासकीय कार्यालय के कार्य पालन अभियंता /अधीक्षण अभियंता द्वारा प्रमाणित अनुभव प्रमाण पत्र मांगा गया है जो कि गलत है। शासन द्वारा एकीकृत पंजीयन प्रणाली अंतर्गत सक्षम श्रेणी में पंजीकृत जिनका पंजीयन 05 वर्ष नही हुआ है उसे सीधे-सीधे निविदा से वंचित किया जा रहा है जबकि शासन द्वारा सक्षण श्रेणी में पंजीकृत है उक्त कार्य करने में सक्षम व पात्र है। उक्त शर्ते केवल अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है।
निविदा शर्तों के कंडिका कमांक 43 में नगर पंचायत चारामा से अदेय प्रमाण पत्र मांगा गया है चूंकि जारी निविदा अनुसार अन्य क्षेत्रों से भी ठेकेदारों द्वारा
निविदा में भाग लिया जाता है अतः अदेय प्रमाण पत्र मांगना गलत है, केवल अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए यह नियम व शर्ते लागू किया गया है।
जारी निविदा आमंत्रण सूचना के अनुसार दिनांक 01.11.2024 को निविदा प्रपत्र हेतु आवेदन करने की अंतिम तिथि अंकित किया गया है जबकि उक्त दिवस को छत्तीसगढ राज्य स्थापना दिवस एवं राज्योत्सव तथा दीपावली त्यौहार है सभी दीपावली त्यौहार में व्यस्त रहेंगे तथा दिनांक 01.11.2024 का राज्योत्सव अवकाश घोषित है इस स्थिति में बाहर से आने वाले ठेकेदार निविदा हेतु आवेदन नही कर पायेंगे और निविदा से वंचित हो जायेगें।
निविदा आमंत्रण सूचना के निविदा प्रपत्र प्रस्तुत करने की अंमित तिथि व निविदा खोलने की तिथि निविदा आमंत्रण सूचना के निविदा प्रपत्र प्रस्तुत करने की अंमित तिथि व निविदा खोलने की तिथि 11.11.2024 दिया गया है जबकि दिनांक 11.11.2024 को देवउठनी/छोटी दिवाली का त्यौहार है निविदा में इस प्रकार की तिथि जान बुझकर दिया जाना प्रतीत होता है ताकि बाहर के ठेकेदार हिस्सा न ले सके और अपने चहेते ठेकेदारों को निविदा में लाभ पहुंचाया जा सके। विधायक ने
उपरोक्तानुसार जारी निविदा को किये गये त्रुटियों / कमियों व अनियमितता एवं गडबडी करने की आशंका के मद्देनजर उक्त निविदा को निरस्त कर, किये जाने वाले फर्जीवाड़े की जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग रखी हैँ।विदित हो की नगर पंचायत चारामा में बिना टेंडर क़े कार्य कराये जाने क़े मामले लगातार सामने आ रहे हैँ. ये कार्य नियमो को दर किनार कर फर्जीवाड़े और भ्रस्टाचार क़े उद्देश्य से कराये गए हैँ। और इन सभी फर्जीवाड़े में नगर पंचायत अध्यक्ष और अधिकारीयों की मिली भगत लगातार सामने आ रही हैँ. जिसकी जाँच जरुरी हैँ. ताकि शासन क़े राशि का दुरूपयोग होने से रोका जा सके।