क्षेत्रवासियों में आक्रोश
मुख्यालय में नहीं बैठ रहे तहसीलदार, पटवारी, किसान व ग्रामीण चक्कर काटने को मजबूर
सक्ती। जैजैपुर तहसील मुख्यालय में तहसीलदार और गांवों के मुख्यालय में पटवारियों का ठहराव नहीं होने से कामकाज के लिए किसानों को चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। हल्का मुख्यालय ग्राम में पटवारी नहीं बैठ रहे हैं। ऐसे में मानसून समाप्त होने के पहले किसानों को अपने खेती बाड़ी की तैयारी छोड़ विभिन्न गांवों में स्थित पटवारियों के कार्यालयों के चक्कर काटना मजबूरी है।
हल्का मुख्यालय ग्राम में पटवारी नहीं बैठ रहे हैं। ऐसे में छोटे-छोटे कार्य के लिए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजस्व प्रकरणों के निपटारे को लेकर सरकार गांवों में शिविर आयोजित कर लाभ पहुंचा रही है, लेकिन पटवारियों के कम समय के ठहराव के चलते लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।पटवारियों को अपने निर्धारित मुख्यालय पर रहने अतिरिक्त प्रभार होने पर अपने मुख्यालय, अतिरिक्त प्रभार वाले मुख्यालय क्षेत्र में अन्य स्थानों पर ठहराव के लिए सप्ताह में दिन निर्धारित करते हुए इसकी सूचना निरीक्षक भवन पटवारी के सूचना पट्ट पर अंकित करने के आदेश दिए थे, लेकिन जानकारी अभी तक चस्पा नहीं की गई है ।ऐसे में लोगों को कामकाज के लिए हर दिन चक्कर लगाने पड़ रहे हैं । शासन के निर्देशानुसार पटवारियों को सप्ताह में दो दिन सोमवार और मंगलवार हल्का नं. मुख्यालय ग्राम मे कार्यालय लगाकर किसानों के राजस्व विभाग के संबंधित समस्याओं का निराकरण करना है । इसके बावजूद पटवारी अपने मुख्यालय में नियमित नहीं बैठ रहे है। इससे छोटे-छोटे कार्यों के लिए ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है । राजस्व विभाग के अधिकारी सब जानते हुए भी मौन धारण किए हुए। प्रतिदिन तहसील मुख्यालय कार्यालय में दर्जनों ग्रामीण, किसान पटवारियों का पता पूछते दिख रहे हैं । पटवारी पंचायतों में हर सप्ताह बैठ रहे हैं या नहीं, इसके बारे में विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
हल्का कोटेतरा में नए पटवारी संगीता चन्द्रा ने प्रभार लिया है लेकिन एक दिन भी कोटेतरा में नही बैठे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता होगा कि इस गांव के जनता और सरपँच कितना परेशान होगा जवाब देते देते जनप्रतिनिधियों परेशान हो गए हैं लेकिन पटवारी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है क्योंकि अतिरिक्त प्रभार में है ।