जांजगीर चांपा। जिला खनिज विभाग के कार्यालय में एक कर्मचारी अंगद के पांव की तरह सालों से जम गए हैं जो यहां से जाने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों का कहना है कर्मचारी का काफी ऊंची पहुंच है,, जिसके चलते पूरा जिला उसके कंट्रोल में है। यही वजह है ऊपर के लोग भी उसके कामकाज से खुश हैं। इसलिए उस कर्मचारी को कार्यालय में अंगद की पांव की तरह जमा दिया गया है।
कृषि प्रधान जांजगीर चांपा जिले में बहुमूल्य खनिज बड़ी मात्रा में है। यही वजह है हर साल यहां करोड़ों का कारोबार खनिज के माध्यम से होता है, सरकार को भी इन खनिजों से करोड़ों की राजस्व रॉयल्टी के रूप में मिलती है। खास बात यह है यहां खनिज पर खुद खनिज अधिकारी कर्मचारी भी सेंध लगाने में पीछे नहीं है। अभी तत्कालीन जिला खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा पर जिस तरह से अवैध खनन के कारोबार में मिलीभगत का आरोप लगा है, उससे कर्मचारियों की भी भूमिका संदेह के घेरे में है।
यहां पदस्थ एक कर्मचारी पर भी पूर्व में कई गंभीर आरोप लगे थे तो वहीं उस कर्मचारी की काफी ऊंची पहुंच बताई जाती है। यही वजह है वह यहां अंगद के पांव की तरह सालों से जमे हुए हैं। ऊपर के लोग भी उसके कामकाज से खुश हैं, जिसके चलते उसका तबादला दूसरे जगह नहीं कर रहे हैं।
यहां बैठकर सब का ख्याल रखा जा रहा है। कहा तो यहां तक जा रहा है खनिज चौकियों में प्राइवेट आदमी रखकर जमकर वसूली की जा रही है तो वहीं संचालित क्रशरों में भी कई तरह की अनियमिता से इंकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल इस मामले में यदि बारीकी से छानबीन की जाए तो गड़बड़ी के कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।