रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल ने अगस्त 2025 में आयोजित दूसरी परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस बार 12वीं कक्षा में 46.28 प्रतिशत और 10वीं कक्षा में 30.02 प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा में सफल हुए हैं। वहीं, अनुत्तीर्ण छात्रों को नवंबर-दिसंबर में होने वाली तीसरी परीक्षा में दोबारा मौका मिलेगा।

राज्य ओपन स्कूल ने अब साल में तीन बार परीक्षा आयोजित करने की व्यवस्था शुरू की है। मार्च-अप्रैल में पहली, अगस्त में दूसरी और नवंबर-दिसंबर में तीसरी परीक्षा होती है। सोमवार की शाम को घोषित परिणामों में बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए।
12वीं परीक्षा का परिणाम
12वीं की परीक्षा के लिए 15,036 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से 14,269 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए।
- 128 आवेदन निरस्त किए गए, जबकि 11 परीक्षार्थियों का परिणाम रोका गया।
- कुल 11,718 विद्यार्थियों का परिणाम घोषित किया गया, जिनमें से 46.28% विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए।
- इनमें 903 छात्र प्रथम श्रेणी, 2168 द्वितीय श्रेणी, और 2247 तृतीय श्रेणी में पास हुए।
- 106 विद्यार्थी पास श्रेणी से सफल हुए।
- परिणामों में बालिकाओं ने बढ़त बनाई — 47.64% बालिकाएं पास हुईं जबकि बालकों का प्रतिशत 45.22% रहा।
📗 10वीं परीक्षा का परिणाम
10वीं की परीक्षा के लिए 19,249 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से 17,834 ने परीक्षा दी।
- 13 विद्यार्थियों का परिणाम रोका गया, जबकि 17,821 विद्यार्थियों का परिणाम घोषित हुआ।
- इनमें 30.02% विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए।
- 749 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी, 2008 द्वितीय श्रेणी, और 2554 तृतीय श्रेणी में पास हुए।
- 39 विद्यार्थियों ने पास श्रेणी से सफलता पाई।
- बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 28.35% और बालिकाओं का 32.67% दर्ज किया गया।
अब नवंबर में तीसरी परीक्षा
राज्य ओपन स्कूल की तीसरी परीक्षा नवंबर-दिसंबर 2025 में आयोजित की जाएगी। अगस्त सत्र में असफल हुए विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
- आरटीडी अवसर परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
- बिना विलंब शुल्क के आवेदन 8 अक्टूबर तक और विलंब शुल्क के साथ 15 अक्टूबर तक किए जा सकते हैं।
- अगस्त परीक्षा में असफल छात्रों को 15 अक्टूबर तक अतिरिक्त अवसर दिया गया है।
राज्य ओपन स्कूल का यह नया सिस्टम उन विद्यार्थियों के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है जो किसी कारणवश एक परीक्षा में सफल नहीं हो पाते। अब साल में तीन बार परीक्षा होने से विद्यार्थियों को बिना समय गंवाए अपनी कक्षा सुधारने का अवसर मिलेगा