छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) संविदा कर्मचारी संघ पिछले 3 दिनों से नियमितीकरण और संविलियन सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठा है। बलौदाबाजार में आज आंदोलन के तीसरे दिन बड़ा विवाद उस समय खड़ा हो गया, जब कर्मचारी “संविदा कुप्रथा” का पुतला दहन करने पहुंचे।
प्रशासन ने पुतला दहन की अनुमति नहीं दी और पुलिस ने पुतला जब्त कर लिया। इससे नाराज़ कर्मचारियों ने कहा – “शासन को कर्मचारियों के भविष्य से ज्यादा चिंता पुतले की है।” आक्रोशित कर्मचारियों ने पुतले की डंडों से पिटाई कर अपना विरोध दर्ज कराया।

कर्मचारियों का आरोप
संघ अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि प्रदेश के 16 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी इस समय हड़ताल पर हैं, जिनमें बलौदाबाजार के 500 कर्मचारी भी दशहरा मैदान में धरना दे रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि कानून का सम्मान करते हुए प्रशासन को पुतला दहन की जानकारी दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद रोक लगा दी गई।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने आरोप लगाया कि आंदोलन के चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों की व्यवस्था चरमराने लगी है। मरीजों को इलाज और जांच के लिए लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है या फिर बिना उपचार लौटना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि “सरकार वादे तो बड़े करती है लेकिन अमल में नहीं लाती। मोदी की गारंटी का असर जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देता।”

NHM कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगें
- संविलियन एवं स्थायीकरण
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
- ग्रेड पे निर्धारण
- लंबित 27% वेतन वृद्धि कार्यान्वित करना
- मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता
- नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण
- अनुकंपा नियुक्ति
- मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा
- स्थानांतरण नीति
- न्यूनतम 10 लाख तक कैशलेश चिकित्सा बीमा सुविधा
प्रदर्शन में यशवंत पटेल, विनोद देवांगन, आलोक दुबे, फ्रैंकलिन रात्रे, विनोद साहू, मोहिंदर कुमार, संगीता, खोगेश्वर पटेल, राजेश डहरिया, विकास जायसवाल, डोमन कुमार, हेमंत सिन्हा, गौतम साहू, दिनेश कुमार, नरेंद्र वर्मा, गंगाराम धीवर, मंजू साहू समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।